Book Title: Sthananga Sutra Part 02
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 15
________________ विषय प्रत्याख्यान दस सामाचारी के दस भेद महावीर के दस महा स्वप्न रुचि के दस भेद संज्ञाएँ दस नरक वेदना छद्मस्थ और केवली का विषय दशा-दस नैरयिक भेद भद्र कर्म बांधने के स्थान आशंसा प्रयोग धर्म दस दस स्थविर पुत्र दस दस अनुत्तर दस कुरा दुष्षमा काल के लक्षण सुषमा काल के लक्षण Jain Education International [14] पृष्ठ ३३५-३३७ दस वृक्ष ३३५-३३७ कुलकर दस ३३५-३३७ वक्षस्कार पर्वत विषय ३४२-३४४ कल्पदस ३४२-३४४ भिक्षु प्रतिमा ३४२-३४४ संसारी जीव भेद ३४४-३४८ दस दशाएँ ३४४-३४८ तृणवनस्पति काय श्रेणियाँ ३४४ - ३४८ ३५० - ३५३ ग्रैवेयक विमान ३५० - ३५३ | तेज से भस्म करने की शक्ति ३५३ - ३५५ आश्चर्य दस ३५३ - ३५५ ३५३ - ३५५ ३५३ - ३५५ काण्ड की मोटाई समुद्र द्रह आदि की गहराई ज्ञानवृद्धि के दस नक्षत्र ३५५ - ३५७ कुल कोटि ३५५-३५७ पाप कर्म संचित पुद्गलं ३५५ - ३५७ पुद्गलों की अनंतता For Personal & Private Use Only पृष्ठ ३५५-३५७ ३५७-३६० ३५७-३६० ३५७ - ३६० ३६०-३६२ ३६०-३६२ ३६०-३६२ ३६२-३६४ ३६२-३६४ ३६२-३६४ ३६२-३६४ ३६५-३६६ ३६६-३६८ ३६६-३६८ ३६६-३६८ ३६६-३६८ ३६६-३६८ ३६६-३६८ www.jainelibrary.org

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