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गुजराती अर्थ -
त्यार पछी तेणे पोताना उग्र तेज वडे ते आखा राज्यनें जमाव्युं अने शाम, दाम, भेद अने दंडनी नीति वडे सर्व विद्याधर समूहने वश कर्यो. हिन्दी अनुवाद
बाद में कनकप्रभ ने अपने उग्र तेज से संपूर्ण राज्य को स्थिर किया और शाम, दाम, भेद और दंड की नीति से सभी विद्याधर समूह को वश में किया।
गाहा
नीसारिओ स भूमीओ ताहि जलणप्पहो कणिद्वेण । नयरम्मि चमरचंचे समागओ ससुर - पासम्मि ।। ६८ ।। संस्कृत छाया
निस्सारितः स्वभूमेस्तदा ज्वलनप्रभः कनिष्ठेन । नगरे चमरचचञ्वे समागतः श्वशुरपार्श्वे ।। ६८ ।। गुजराती अर्थ
ज्यारे नाना भाई कनकप्रभे ज्वलनप्रभनी तेनी पोतानी भूमिमांथी बहार काढी नांख्यो त्यारे ते चमरचंचा नगरमां ससरा पासे आव्यो.
हिन्दी अनुवाद -
जब छोटे भाई ने बड़े भाई ज्वलनप्रभ को उसकी अपनी भूमि से निकाल दिया तब वह चमरचंचा नगर में ससुरजी के पास आया ।
गाहा
बहु- माण- पुव्वयं सो पवेसिओ निय- पुरम्मि ससुरेण । भाणुगइ राइणा अह समयं चिय चित्त - लेहाए ।। ६९ ।।
संस्कृत छाया
बहुमानपूर्वकं स प्रवेशितो निजपुरे श्वशुरेण ।
भानुगति - राजेनाथ समकमेव चित्रलेखया ।। ६९ ।।
गुजराती अर्थ
त्यारबाद ससरा भानुगति राजास चित्रलेखानी साथे (जमाई)नो पोताना नगरमां बहुमानपूर्वक प्रवेश कराव्यो.
हिन्दी अनुवाद -
फिर ससुर भानुगति राजा ने चित्रलेखा के साथ अपने नगर में उस (दामाद) को बहुमानपूर्वक प्रवेश कराया ।
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