Book Title: Sramana 2007 10
Author(s): Shreeprakash Pandey, Vijay Kumar
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 212
________________ हिन्दी अनुवाद अभी तो सभी नगर के लोग भिन्न-भिन्न गाँव में चले गये हैं। अतः प्रिया को ढूंढने पर भी पता लगेगा यह संभवित नहीं । ' गाहा ता किं करेमि इहि हय - विहिणा विहडियम्मि एयम्मि | लब्भिज्ज कह पत्ती कह वा मह दंसणं होज्जा ? ।। २१२ । । संस्कृत छाया तस्मात् किं करोमीइदानीं हतविधिना विघटिते एतस्मिन् । लभ्येत कथं प्रवृत्तिः ? कथं वा मम दर्शनं भवेत् ? ।। २१२ ।। गुजराती अर्थ भाग्यहीन विधि वड़े आ प्रमाणे कराये छते हुं शुं करूं? समजातु नथी, तेणीनी भाळ केवी रीते मेळववी? अथवा मने तेणीना दर्शन केवी रीते यो ? हिन्दी अनुवाद भाग्य रुष्ट होने पर भाग्यहीन मैं क्या करूँ? कुछ समझ में नहीं आता है। उस बाला का पता कैसे लगाऊँ ? अथवा उसके दर्शन मुझे कैसे होंगे? (या नहीं)। गाहा को पुच्छिज्जउ नामं को मह साहिज्ज कुल - हरं तीए ? । जत्थ गया मम दइया अक्खिज्जा पुर- वरं को तं? ।। २१३ ।। संस्कृत छाया कः पृच्छ्येत नाम ? को मह्यं कथयेत् कुलगृहं तस्याः ? यत्र गता मम दयिताऽ ऽ ख्यायात् पुरवरं कस्तम् । । २१३ । । गुजराती अर्थ हवे हुं कोने पूछें? तथा तेणीनुं कुल पण मने कोण कहे? अथवा जे नगरमा मारी दयिता गई छे ते नगरनु नाम पण कोण कहे? हिन्दी अनुवाद अब मैं किसे पूछें? उसका कुल भी मुझे कौन कहेगा ? अथवा जिस नगर में मेरी प्रिया गई है उस नगर का नाम भी मुझे कौन कहेगा ? 304

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