Book Title: Sramana 2007 10
Author(s): Shreeprakash Pandey, Vijay Kumar
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 197
________________ हिन्दी अनुवाद कदली के गर्भ जैसी सुकोमल बाहुलतावाली, हंस जैसी गतिवाली वह बाला जिसपुरुष के हाथ में जायेगी वह कृतार्थ होगा। गाहा धन्नो हमित्तिएणं गहिया अंकम्मि सा मए सुतणू । अवगूहिया य गाढं जं न मए, वंचिओ तं तु ।।१७६।। संस्कृत छाया धन्योऽहमेतावता गृहीताऽङ्के सा मया सुतनुः । अवगूढा च गाढं यद् न मया वञ्चितस्तत्तु ।।१७६।। गुजराती अर्थ अल्प समय पण में तेणीने अङ्कमा लीधी तेथी हुँ निश्चे धन्य छु परंतु तेणीने में गाढ आलिंगन न कर्यु तेथी हुँ ठगायो छु। हिन्दी अनुवाद कुछ समय मैंने उसे गोदी में लिया, अत: मैं भी निश्चित धन्य हूँ। फिर भी, गाढ आलिंगन नहीं करने से मैं ठगा गया हूँ। गाहा पुणरवि हविज्ज जत्ता हत्थि-भए भूमि-निवडिया तह सा । घित्तूण जेण सहसा अवयासेज्जा तयं गाढं ।। १७७।। संस्कृत छाया पुनरपि भवेद् यात्रा हस्तिभये भूमिनिपतिता तथा सा। गृहीत्वा येन सहसा श्लिष्येत् तकां गाढम् ।। १७७।। गुजराती अर्थ फरी पण जो आवी यात्रा थाय तथा हाथीना अयथी ते भूमि पर पड़े तो तेने जल्दी थी लईने गाढ आलिंगन कळं! हिन्दी अनुवाद फिर भी, ऐसी यात्रा हो तथा हाथी के भय से वो नीचे गिरे तो शीघ्रता से लेकर मैं गाढ आलिंगन कर लूं। गाहा एमाइ बहु-विगप्पं विचिंतयंतस्स तग्गय-मणस्स । निदाए समं राई खयं गया, उग्गओ सूरो ।।१७८।। 289

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