Book Title: Sramana 2007 10
Author(s): Shreeprakash Pandey, Vijay Kumar
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 203
________________ गुजराती अर्थ त्यार पछी तेने विघ्न करवा माटे राजा कनकप्रभ त्यां गयो. ते मोटो भाई क्षुभित न थयो आथी ते. कनकप्रभ मनथी डी गयो। हिन्दी अनुवाद उसके बाद उसको विघ्न करने के लिए कनकप्रभ वहाँ गया, तथा बड़े भाई को निश्चल देखकर कनकप्रभ भयभीत हो गया। गाहा निय-नयराभिमुहेणं आगच्छंतेण अन्न-चित्तेण । कहवि हु पमाय-वसओ जिण-भवणं लंघियमणेण ।।१९१।। संस्कृत छाया निजनगराभिमुखेनाऽऽ गच्छताऽन्यचित्तेन । कथमपि खलु प्रमादवशतो जिनभवनं लङ्घितमनेन ।। १९१।। गुजराती अर्थ अन्य चित्तवड़े पोताना नगर तरफ आवता प्रमाद वश थी कोइ पण सीते आना बड़े जिनधवन ओळगायु! हिन्दी अनुवाद अन्य मनस्क होकर अपने गाँव की ओर जाते प्रमादवश इसके द्वारा जिनभवन का उल्लंघन हो गया। गाहा पुव्वं धरणिंदणं एसो समओ को नहयराण । जिण-भवण-साहु-पडिमाण लंघणं एत्थ जो काही ।।१९२।। तस्स खयराहमस्स ओ' विज्जा-च्छेओ भविस्सई सहसा । एवं वेयड्ड-नगे अइविदियं सयल-खयराण ।।१९३।।युग्मम्।। संस्कृत छाया पूर्वं धरणेन्द्रेणैष समयः कृतो नभश्चराणाम् । जिनभवन-साधुप्रतिमानां लङ्गनमत्र यः करिष्यति ।।१९२।। तस्य खचराधमस्य ओ! विद्याच्छेदो भविष्यति सहसा । एवं वैतान्यनगरेऽतिविदितं सकल खचराणाम् ।।१९३।। युग्मम्।। १. ओ इति सूचने 295

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