Book Title: Sramana 2006 07
Author(s): Shreeprakash Pandey
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 6
________________ • प्राकृत महाकाव्यों में ध्वनि-तत्त्व हिन्दी खण्ड आचार्य हरिभद्रसूरि प्रणीत उपदेशपद : एक अध्ययन जैन 'हिन्दू' ही हैं, लेकिन किस अर्थ में? जैन साहित्य में शिक्षा का स्वरूप जैन दर्शन का कारणता सिद्धान्त जैन दर्शन में ईश्वर विचार अनेकान्तवाद एवं उसकी प्रासंगिकता अनेकान्तवाद - एक दृष्टि • जैन चिन्तन में मन की अवधारणा जैन दर्शन व शैव सिद्धान्त दर्शन में प्रतिपादित मोक्षः एक तुलनात्मक अध्ययन वर्णव्यवस्था-जैनधर्म तथा हिन्दू धर्म के सन्दर्भ में हिन्दू परम्परा में कर्म सिद्धान्त की अवधारणा भारतीय विद्या में शब्दविषयक अवधारणा का विकास • दुःख का कारण कमी नहीं कामना जैन आगमों में शिल्प : एक दार्शनिक दृष्टि तीर्थंकरों की मूर्तियों पर उकेरित चिह्न फतेहपुर सीकरी से प्राप्त श्रुतदेवी (जैन सरस्वती) की प्रतिमा कला की अनुपम कृति जबलपुर का श्री शीतलनाथ मंदिर स्मृति प्रमाण (प्रमाणमीमांसा के संदर्भ में) एक समीक्षात्मक अध्ययन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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