Book Title: Sirikummaputtachariam
Author(s): Jinmanikyavijay, Chandanbalashreeji
Publisher: Bhadrankar Prakashan

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Page 13
________________ 'प्रस्तावना अयं दान-शील-तपो-भावरूपेषु धर्मप्रकारेषु भावधर्मप्राधान्यव्यावर्णनपर: कूर्मापुत्रचरितनामा लघीयान् कथाग्रन्थः श्रीहेमविमलसूरिशिष्येण श्रीजिनमाणिक्याख्येन विदुषा विनिर्मित इति ग्रन्थस्यास्यान्त्यगाथाया विज्ञायते । श्रीहेमविमलसूरयश्च तपागच्छपट्टावल्यादौ विक्रमीयषोडशशताब्यां लब्धसत्ताकतया प्रसिद्धाः अत एतद्ग्रन्थप्रणयनसमयोऽपि स एवानुमीयते । - हरगोविन्दः । १. जैनविविधसाहित्यशास्त्रमाला (१३) मुद्रितपुस्तके इयं प्रस्तावनाऽस्ति । ___Jain Education International 2010_02 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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