Book Title: Shraman Atit ke Zarokhe me
Author(s): Shivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
Publisher: Parshwanath Vidyapith
View full book text
________________
१०
Jain Education International
लेख
و
पृष्ठ
سه
अंक ९ ९
ه
ه
ज्ञान की खोज में संसार का इतिहास तीन शब्दों में क्या मैं जैन हूँ? ओसवंश-स्थापना के समय संबन्धी महत्त्वपूर्ण उल्लेख कवि की हुंकार उज्जयिनी स्वरूप और पररूप जैन परम्परा
३
१०
१०
For Private & Personal Use Only
श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक मुनि श्री जयन्तीलाल जी श्री महेन्द्र 'राजा' प्रो० दलसुख मालवणिया श्री अगरचन्द नाहटा श्री जयभिक्खु श्री अमरचन्द पं० सुखलाल जी संघवी मोहनलाल मेहता श्री जयभिक्खु प्रो० पृथ्वीराज जैन श्री अगरचन्द नाहटा मुनि श्री सुशील कुमार शास्त्री प्रो० देवेन्द्र कुमार जैन श्री माईदयाल जैन श्री जय भिक्खु टॉल्सटाय सुश्री मोहिनी शर्मा डॉ० सन्तोष कुमार ‘चन्द्र'
मृगतृष्णा
ई० सन् १९५२ १९५२ १९५२ १९५२ १९५२ १९५२ १९५२ १९५२ १९५२ १९५२ १९५२ १९५२ १९५२ १९५२ १९५२ १९५२ १९५२ १९५२
ه له له سه له له سه سه سه سه سه سه سه سه
नैतिक उत्थान और शिक्षण संस्थाएँ पल्लीवालगच्छीय शांतिसूरि का समय एवं प्रतिष्ठा बुझती हुई चिनगारियाँ समन्वय या सफाई जैन साधु और हरिजन परिनिर्वाण धर्म का तत्त्व भारतीय त्योहार नारी जीवन का आदर्श
१७-२१ २२-२४ ९-१२ १५-१८ १९-२६ २७-३३ ५-१० १३-१७ १९-२६ २७-३० ३१-३३ ३५-३७ ७-१० १४-१६ १७-२१ २२-२६ २७-३० ३१-३४
१२
www.jainelibrary.org
१२ १२ १२ १२