Book Title: Shalopayogi Jain Prashnottara 02 Author(s): Dharshi Gulabchand Sanghani Publisher: Kamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer View full book textPage 5
________________ * विषयानुक्रमणिका विषय प्रकरण १३ त्रीचा लोकमें ज्योतिपी देव. १४ त्रीला लोक में व्यंतर देव. १५ पाठ कर्म. १६ श्राश्रय तत्व और संवर तत्व. १७ नारकी और परमाधामी. १८ काल चक्र. १६ त्रेसठ शलाका पुरुप. २० सम्यकुत्व. २१ अधोलोक में भुवनवासी देव. . २२ भव्य और अभव्य जीव. २३ निर्जरा तत्व. २४ उर्व लोक में वैमानिक देव. २५ चोवीस दंडक. २६ वंध तत्व. २७ मोक्ष तत्व.Page Navigation
1 ... 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 ... 85