Book Title: Samadhi Maran Patra Punj Author(s): Kasturchand Nayak Publisher: Kasturchand Nayak View full book textPage 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ॐ श्री जिनायनमः प्रस्तावना सुहृद् पाठक वृंद, हम ऐसे अमूल्य ज्ञान रूपी हार को प्रकाशित कर रहे हैं जिसका गुंथन श्री शांतिगुणनिधि ज्ञानगुणाकर प्रातः स्मरणीय पूज्य पं. गणेशप्रसादजी वर्णी द्वारा हुआ है गुरुवर्य ! आपकी चिरकाल की ज्ञान उपासना रूपी वृक्ष से जो मधुर फल प्राप्त हुआ है वह अवश्यमेव जीवों के संसार रूपी आताप को दूर कर श्रेयस्पद प्राप्त कराने में समर्थ है। सद्गुरो ! प्रार्थना है कि व्यक्तिगत के लिये लगाया हुआ ज्ञानरूपी वृक्ष से जो मधुरफल प्राप्त हुआ है जिसका कण २ जीवों को अपूर्व सुखास्पद है फिर क्या सर्व जीवों के हितार्थ ज्ञानरूपी बगीचा निर्माण किया जावे तो अद्वितीय शांति प्रदायक For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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