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काळा गोरा पीळा तणो रे, भेद न राखो लगार, देश धर्म भेद त्यागीने रे, सहु पर करी उपकार. जगतमां. २ भूख्याने भोजन आपq रे, मांदानी सारवार, मरता मनुष्योने बचाववा रे, करो बहु उपकार. जगतमां. ३ सत्य अहिंसा शील धरी रे, धरो सत्य आचार, आतम सम जीवो गणो रे, क्रोधे न देशो मार, जगतमां. ४ मांस दारू ने जुगटु रे, चोरी ने व्यभिचार, शिकार व्यसनो निवारतारे, सुख शान्ति जयकार जगतमां. ५ दुष्ट विचारो दूर करो रे, करशो र्धम्य विचार, प्रमाणिक पूरा बनो रे, मनना टाळो विकार. जगतमां. ६ प्रभु महावीर देवनो रे, सदुपदेशनो सार, निज आचारे उतारतारे, सफळ थतो अवतार. जगतमां. ७ लक्ष्मी सत्तानी तोरमारे, मुंझो नही नरनार, बुद्धिसागर धर्मने रे, आराधो सुखकार.
जगतमां. ८ समता भावमां रे चेतन! समता भावमां रे, चेतन! अनुभव ज्ञाने रहेg, दुनिया साचा खोटा कहेवे, त्यां नही मनडुं देवू. समता. १ दुनियामांही को नही तारूं, मान नहीं मन मारूं, कोई न अन्ते साथे आवे, अन्ते सर्वे न्यारूं. समता.२
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