Book Title: Sadhubhai Samaya Sudharas Pije
Author(s): Padmaratnasagar
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 179
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बनी ठणीने दर्पणमां शुं देखतो, मुख छाया मिषे मृत्यु देखाय जो; एवी जाणी चेतो चेतन चित्तमां, हाथे ते साथे परभवमां थायजो. चार दिवसमुं. ५ डहापण तारुं धूळमां मळशे जीवडा, करजो दिलमां देवगुरु विश्वासजो, बुद्धिसागर धर्म जगतमां सार छे, धर्म ध्यानथी होवे शिवपुर वासजो. चार दिवसचें. ६ पैसा पैसा पैसा तारी. (भजन पद) पैसा पैसा पैसा तारी, वात लागे प्यारी रे, रात दिवस पैसा ने माटे, भटके नर ने नारी रे. पैसा १ भणदुं गणवू पैसा माटे, पैसे घेबर घारी रे, पैसाथी बालुडा छानां, पैसाथी छे यारी रे. पैसा २ पैसाथी परमेश्वर नानो, पैसो देव वेचावे रे, पैसानी पूजारी दुनिया, पैसो नाच नचावे रे. पैसा ३ हिंसा चोरी पैसा माटे, पैसाथी सर्वे व्हालु रे, आजीजी पैसाने माटे, वचन बोलवू कालु रे. पैसा ४ पैसा माटे नोकर रहेg, पैसा माटे शेठो रे, पैसा माटे राजा रैयत, पैसा माटे वेठो रे. १६५ पैसा ५ For Private And Personal Use Only

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