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रयणवाल कहा
इसी बीच नौका सज्जित की गई और उसमें अपने देश में दुर्लभ किन्तु
वहां सुलभ, वस्तुओं को खरीद कर रखा गया। प्रस्थान का दिन निश्चित किया । इसके मधुर व्यवहार से अनेक व्यक्ति इसके मित्र बन गए। सभी नागरिकों का यह प्रीतिपात्र बन गया । रत्नपाल के देश लौटने की बात सुनकर सभी व्यक्ति अपना-अपना सौहार्द दिखाने के लिए उसके पास आने लगे । अनेक बातों से उसकी प्रशंसा करते हुए 'फिर कब मिलना होगा' ऐसा कहते हुए अपनी मुखाकृतियों से खिन्नता सूचित कर रहे थे । 'वहां जाकर आप कभी-कभी हमें याद करते रहें यह बार-बार कह रहे थे । रत्नपाल भी सबका आभार स्वीकृत करता हुआ हाथ जोड़े बैठा रहा। वहां के सभी याचक और नौकरों को उचित दान देकर उसने सबको संतुष्ट किया
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रत्नपाल के लौटने का दिन भाया । इधर राउल के रूप में रत्नवती को प्रस्थान कराने के लिए तैयारी की गई। माता-पिता का हृदय उद्विग्न हो गया । परम प्रेम से पोषित पुत्री रत्नवती की आँखें बार-बार आँसुओं से भर आती थीं । उसने सोचा परिचित संसार को छोड़कर अपरिचित ससुरालय में जाना पड़ेगा | 'वहां का व्यवहार कटु होगा या मधुर' - इस प्रकार उसका मन अनेक संकल्पों में फँस गया । जन्म से जो व्यक्ति साथ में रहे हैं, उनका विरह उसके हृदय समुद्र को उद्वेलित कर रहा था । अपनी पुत्री को गोद में बिठाकर आंसुओं से उसको स्नान कराती हुई उसकी मां ने शिक्षा देते हुए कहा - "प्रिय बेटी ! तेरे विरह से आज हम सब दुःखी हैं। मानो कि कोई महामूल्यवान् वस्तु हमारे से दूर हो रही है । इससे हमारा चित्त खिन्न हो रहा है । यह स्पष्ट किवदन्ती है कि माता-पिता का क्या जोर चलता है ? कन्याएँ दूसरों के घर जाने वाली ही होती हैं ।' बेटी ! तू सुख पूर्वक जा ! तेरा सौभाग्य स्थिर हो । तुम दोनों का स्वास्थ्य सदा स्वस्थ रहे । तेरी सारी पीड़ाएँ क्षार समुद्र में विलीन हो जाएँ। बेटी ! नया प्रदेश है । वहाँ के सभी लोगों के स्वभाव अपरिचित हैं। वहां की कार्य-प्रणाली का भी हमें अनुभव नहीं है । वहां तुझे बहुत दक्षता से रहना है। मैं राजपुत्री हूँ,' इसलिए मैं कार्य कैसे करू" - ऐसा तुझे चिन्तन नहीं करना है। प्रियता केवल कुल और रूप से प्राप्त नहीं होती है, वह प्राप्त होती है कार्य करने से । दूसरे यदि तुझ पर निरर्थक ही क्रोध करें तो भी तुझे सहिष्णु रहना है । सहिष्णुता से ही कुलवधुओं की बहुत ही शोभा होती है । ससुर और सास की सविनय सेवा करना । तेरे लिए जैसे हम हैं, वैसे ही वे हैं । अपने पति
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