Book Title: Raichandra Jain Shastra Mala Syadwad Manjiri Author(s): Paramshrut Prabhavak Mandal Publisher: Paramshrut Prabhavak Mandal View full book textPage 9
________________ टीकाकारका मङ्गलाचरण अवतरणिका **** विषय. .... .... २०८० मूलग्रन्थका मङ्गलाचरण वैशेषिकमत के सामान्य विशेषका निराकरण 1900 .... | सर्वथा नित्य या अनित्य मंतव्यका खण्डन तथा आकाशादि सभी पदार्थोंमें कथंचित् नित्यानित्यपना, एवं अंधकार पुद्गलद्रव्य है ऐसा मंडन .... ईश्वर जगत्का कर्ता है ऐसे मंतव्यका मण्डन | जगत्कर्तापनेका खण्डन | वेदवाक्योंकी प्रमाणता तथा नित्यताका खण्डन द्रव्य गुण आदिक सर्वथा भिन्न मानने में तथा समवायकी सिद्धि होनेमें दूषणका निरूपण ..... .... www. .... .... ..... **** .... सत्ता एक भिन्न पदार्थ है ऐसा मंडन... ज्ञानगुण आत्मासे सर्वथा जुदा है ऐसा मंडन ज्ञानादि विशेष गुणोंके नाश होजानेका नाम मोक्ष है ..... www. ऐसा मंडन सत्ताको भिन्न माननेका खंडन ज्ञान गुणको आत्मासे सर्वथा भिन्न माननेका खंडन तथा **** **** .... .... .... विषयसूची पत्र. विषय. १ एक वस्तुमें भी कर्ता करण आदि होनेकी संभवता २ मोक्ष अवस्था में ज्ञानादि विशेष गुणोंका नाश होना माननेका खंडन ..... ११ | आत्मा सर्वव्यापी होनेका तथा सर्वथा नित्य होनेका ३ .... ... 02. .... .... **** .... १२ www **** खंडन गौतम ( नैयायिक) के माने हुए छलजाति आदि पदार्थों का खडन २३ | वैदिकी हिंसा हिंसा नही है ऐसा माननेवाले पूर्व २६ मीमांसकों का खंडन ३२ | एक प्रकारके मीमांसक ( भाट्ट ) तथा यौगमतवालोंका जो ज्ञानको परोक्ष मानना है उसका खंडन .... ३७ | अद्वैतरूप वेदान्त मतका खंडन ४० शब्द तथा अर्थमें सामान्यविशेषपना किस प्रकारसे है। ऐसा उपपादन ..... .... ४५ १०७ सामान्य विशेषों को सर्वथा भिन्न माननेवालोंका खंडन १११ ४६ सांख्यमतका सार निरूपण.... ११८ ४७ सांख्यमतका खंडन १२१ **** .... **** .... 4.00 .... पत्र. ४९ ...w .... प्रमाणसे प्रमाणका फल सर्वथा भिन्न है तथा ज्ञान ५४ ५९ ६९ ७७ ९२ ९९Page Navigation
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