Book Title: Pushkarmuni Abhinandan Granth
Author(s): Devendramuni, A D Batra, Shreechand Surana
Publisher: Rajasthankesari Adhyatmayogi Upadhyay Shree Pushkar Muni Abhinandan Granth Prakashan Samiti

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Page 14
________________ संदेश गृह मन्त्री, भारत Home Minister India नई दिल्ली-११०००१ दिसम्बर १५, १९७७ मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि भारत के विभिन्न अंचलों में रहने वाले श्रद्धालु जनों ने श्री पुष्कर मुनि महाराज की ५४वीं दीक्षा वर्षगांठ के शुभ अवसर पर उनका सार्वजनिक अभिनन्दन करने के लिए एक ग्रन्थ प्रकाशित करने का निर्णय किया है। मैं महाराज जी की दीर्घायु की कामना करता हूँ। (ह०) चरण सिंह ॐ . Minister of Railways India रेल भवन, नई दिल्ली एम. आर. 2134177 दिनांक ८ दिसम्बर १९७७ यह जानकर प्रसन्नता हुई कि अध्यात्मयोगी उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि जी महाराज का, उनकी साधना के ५४ वर्ष पूरे होने पर सार्वजनिक अभिनन्दन किया जा रहा है और उन्हें अभिनन्दन ग्रन्थ भेंट किया जाएगा। भारतीय जन मानस सदैव अध्यात्म साधना के द्वारा ज्ञानार्जन करके लोक कल्याण में लगने वाले महापुरुष का समादर करता आया है। श्री पुष्कर मुनि जी भी उसी परंपरा के एक सन्त हैं जिनकी प्रेरणा से अनेक शिक्षण संस्थान, चिकित्सा संस्थान, गौशालाएं, पुस्तकालय एवं सर्वजनहितकारी स्वयंसेवी संस्थाएँ काम कर रही हैं। यह उनकी लोक-सेवापरायण जीवन दृष्टि की परिचायक है। इसीलिए जनता उनका अभिनन्दन करने जा रही है। इस अवसर पर प्रकाशित अभिनन्दन-ग्रन्थ की रूप रेखा बड़ी भव्य है। यदि इस प्रकार की सामग्री संयुक्त अभिनन्दन ग्रंथ निकाल सके तो यह भारतीय दार्शनिक चिन्तन का एक उत्तम ग्रंथ बन जाएगा। श्री पुष्कर मुनि को इस अवसर पर मेरा प्रणाम निवेदन है और ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दीर्घजीवी हो ताकि समाज को उनका तपोपूत मार्ग-दर्शन मिलता रह सके। (१०) मधु दंडवते For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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