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श्री विश्वकर्मा प्रणीत । स्. राजसिंह रचित । २ शिल्प रत्नम् १ क्षीरार्णव २४ वास्तुराज
३ मानसार २ वृक्षार्णव २५ वास्तुराज
४ काश्यप शिल्प ३ दीपाव
(अन्य सवी विष्य) ५ वास्तुविद्या ४ वास्तुविद्या सू. गणेश रचित
६ मनुष्यालचंद्रिका ५ सूत्रसंतान २६ वास्तुकौतुक
७ ईशान शिव __ अपराजित सू गोविद रचित
गुरुदेव पद्धति ६ ज्ञानरत्नकोश २७ कलानिधि
पुराण ७ जय पृच्छाधिकार २८ वास्तु उद्धार धोरणी
५ मत्स्य २ अग्नि ८ सूत्रप्रतान
३ भविष्य ४ गरूड ९ विश्वकर्मप्रकाश सु. कौशिक रचित
५ स्कंध ६ अत्कल २९ वास्त्वध्याय ५० विश्वकर्म विद्याप्रकाश
७ विष्णुधर्मातर सु. सुखानंद ११ वास्तुशास्त्रकारिका
संहिता स्मृति आदि ३० सुखानंदवास्तु महाराज भोजदेव कृत
१ बृहत संहिता ३१ वास्तुराजतिलक १२ समराङ्गण सूत्रधार
२ वसिष्ठ ३ नारद ४ गर्ग ३२ सूत्रप्रतान
शुक्रनीति विवेकविलास सूत्रधार मंडन प्रणीत ३३ देव्याधिकार
जैन ग्रंथ १३ राजवल्लभ
पं. वासुदेव १४ वास्तुसार
२ शत्रुजय महात्म्य ३४ वास्तुप्रदीप १५ वास्तुमंडन
२ बृहद्वृत्ति ३५ सच्छिल्पतंत्र १६ प्रासादमंडन
३ प्रवचन सारोद्धार. ये ३५ ग्रंथो अन्य ग्रंथोके १७ रूपमंडन
४ आचार दिनकर
प्रकरण है १८ रूपावतार
५ मत्राधिराज १९ देवता मूर्ति प्रकरण
| ये अपग्रंथ अन्य ग्रंथोका ६ त्रिषष्ठि शलाका पुरुष
छूटे अध्याय है । ७ जिन चतुर्वि शतिका ठक्कुर फेरू कृत १ आयतत्व
८ कुमारपाल भूपाल २० वास्तुसार २ केशराज
चरित्र सूत्रधार नाथु कृत ३ जिनप्रासाद
आगमग्रंथ २१ वास्तुमञ्जरी
४ ऋषभादि प्रासाद १ सुप्रभेद २ कीमिका सूत्र. वीरपाल
५ प्रासाद तिलक । ३ किरण ४ अंशुमभेद २२ वेडाया प्रासाद तिलक | ६ अकविशति मेरु ५ सकला ६ पूर्व करणा
सू. मल्लदेव रचित मुद्रित ग्रंथों में द्रविडके |७ सिद्धांत शेखर ८ सार २३ प्रमाणमञ्जरी । १ मयमत्तम्
। संग्रह ९ जीणों द्वार दशक