Book Title: Prasad Manjari
Author(s): Prabhashankar Oghadbhai Sompura
Publisher: Balwantrai Sompura

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Page 128
________________ ફર फोडी रोज Fre 3240 मेल सार - * प्रासादमञ्जरी * साधन भाग परि 10 आसार २५ भ आधार मामाद भार विभावते आसारा 99 M 122 72 - NAUG श्रीभार म विमा प्रसार पर तीन श्रृङ्ग चढाने से आठवां " अमृतोत्र " प्रासाद तुल भाग १४ अंडक ३३ इति अमृतोद्भव | एक नवमां प्रासाद - अमृतोद्भवके स्थान पर भद्र पर तीन ऊरुङ्ग के स्थान ऊरुश्रृङ्ग छोडकर प्रतिरथ--पढरे पर एकके स्थान दो दो श्रृङ्ग चढाने और कर्ण-रेखा पर तो तीन श्रृङ्ग है ही । ऐसा नवाँ " हिमवान " प्रा० होवे ११३ इति हिमवान । तुल भाग १४ अंडक ३७ ,, दशवा प्रासाद - हिमवानके स्थान पर भद्रके उपर दो ऊरुङ्ग हैं | वहां तीन तीन ऊरुङ्ग चढाने से दशवा " हेमकूट प्रा० तुल भाग १४ अंडक ४५ होवे ११५ हेमकूट । ग्यारहवा प्रासाद - हेमकूट के स्थान पर कर्ण - रेखा पर से एक श्रृङ्ग छोडकर नंदीके उपर एक एक श्रृङ्ग चढ़ाने से और रेखा - कर्ण पर एक तिलक चढ़ाने से ग्यारहवा कैलास " प्रा० तुल भाग १४ | अंडक ४५ होवे इति कैलास । 66 चढाने से बारहवf “पृथ्वीजय ११६ इति पृथ्वीजय । बारहवा प्रासाद-कैलास के स्थान पर कर्ण - रेखा पर दो के स्थानपर तीन श्रृङ्ग प्रा० तुल भाग १४ अंडक उनपचास जानना

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