Book Title: Prasad Manjari
Author(s): Prabhashankar Oghadbhai Sompura
Publisher: Balwantrai Sompura

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Page 156
________________ दस्थापन ज्ञानप्रकाश, दीपाव, श्रीगणत्र, सूत्रस तान अपराजित - ज्ञानरत्रकोश ग्रंथोका मत. गर्भगृहकी पोछली दीवाल २८ २७ भूत २६ पिशात्र २५ राक्षस २४ दैत्य २३ अघोर २२ मृगघोर २१ हनुमत २० यक्ष राज १९ क्षेत्रपाल १८ भैरव १७ गणदेवो १६ मातृका, लक्ष्मी सर्व देवी ६५ ग्रह १४ गणेश, लक्ष्मी चितराम ६३ दुर्गा लक्ष्मी १२ सूर्य १९ अग्नि 70 विश्वरूप, उमा, देवता पद स्थापन विभागः पृथक पृथक ग्रंथोका मतमतांतर दर्शक कोष्टक गर्भगृहनी गर्भगृह की पीछली दीवाल पीछली दीवाल गर्भगृहाका दश भाग करके देवता पर स्थापन विभाग समराङ्गण सुत्रधार ग्रंथाधार १ पिशाच २ राक्षस ३ दैत्य ४ गांधर्ष ५ यक्ष ६ सुर्य ७ चंडी ८ विष्णु ९ ब्रह्मा १० ग्रहना मध्य गमे शिव लिङ्ग गर्भगृहाका दश भाग करके देवता पद स्थापन विभाग वास्तुराज, वास्तुमंजरी. ग्रंथाधार गर्भगृहनी पीछली दीवाल १० दानव राक्षस मह मातृका ९ गंध यक्ष क्षेत्रपाल दानव ८ गणेश मातृ 9 ५ वुद्ध ४ सुर्य ३ उमादेवी २ हरउमा १ ब्रह्मा गर्भग्रहना मध्य गर्भे शिवलिङ्ग‍ (गर्भसे दो भाग) पांच भाग में सर्वदेवो की स्थापना करनी अथवा गर्भगृहका बाकी त्याग करके बाकी सात भाग (गर्भ से तीन भाग) में सर्व देवोकी स्थापना करनी । करके त्याग का १ भाग पांच भाग करके देवता पदस्थापन विभाग शक्कुर फेरु वास्तुसार, विवेकविलास बडायाप्रामादतिलक ग्रंथाधार १ यक्ष गंधर्व क्षेत्रपाल २ देवीओ ३ जिन कृष्ण सुर्य कार्तिकस्वामी 30 करके देवता पदस्थापन विभाग- १६ वि. देवता मूर्ति प्रकरणम तथा मयमतम् ग्रंथाधार २४ विभाग │ ། ।।।। QONUNC पोछली दीवाल पाट बीमकी नीचे यक्षभूना A भाग मानुशाश सर्व देव स्थान २४ विभाग पिशाच अंशमेमातर यक्ष गंध राक्षस भूत स्थापन ४९ विभाग से पाट बीमकी नीचे यक्ष भूतादि आगे सर्व देव विष्णु ब्रह्मा तथा बीचमें शिवलिङ्ग प्रासाद मंडन -सर्व देवदेवीयां - ब्रह्मा विष्णु

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