Book Title: Prakrit Vidya 2002 10
Author(s): Rajaram Jain, Sudip Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 5
________________ pas8888Basa अनुक्रम क्र. शीर्षक लेखक पृष्ठ सं. 01. मंगलाचरण : चउबीस-तित्थयर-थुदि मूल - कवि विबुध श्रीधर अनुवाद - डॉ. राजाराम जैन 4 02. सम्पादकीय : धर्मं बुधाश्चिन्वते डॉ. सुदीप जैन 6 03. जगद्गुरु आचार्य विद्यानन्द मुनिराज 10 • 04. जैनधर्म में राष्ट्रधर्म की क्षमता विद्यमान है सत्यदेव विद्यालंकार 15 05. प्राकृत-अपभ्रंश शब्दों की अर्थवाचकता . डॉ. महेन्द्रकुमार न्यायाचार्य 21 • 06. भगवान् महावीर के व्यक्तित्व का दर्पण....... प्रो. (डॉ.) राजाराम जैन 26 07. प्रेरक व्यक्तित्व : अजातशत्रु भैय्या मिश्रीलाल गंगवाल डॉ. कपूरचंद जैन एवं डॉ. ज्योति जैन 33 08. रत्नत्रय अष्टक (हिन्दी कविता) डॉ. महेन्द्र सागर प्रचंडिया 38 '09. भगवान् महावीर की जन्मस्थली नालंदा . कुण्डलपुर-आगमसम्मत नहीं डॉ. राजेन्द्र कुमार बंसल 39 10. कातन्त्र और कच्चायन का तुलनात्मक अध्ययन प्रो. जानकीप्रसाद द्विवेदी एवं डॉ. सुरेन्द्र कुमार 11. रोहतक से प्राप्त अप्रकाशित जैन मूर्तियाँ डॉ. सत देव 12. दर्शन-शास्त्र अन्तर्मुखी बनाता है और ___प्रदर्शन बहिर्मुखी डॉ. सुषमा सिंघवी 13. ज्ञान और विवेक डॉ. वीरसागर जैन 14. भगवान् महावीर की जन्मस्थली........ 15. जैन-परम्परा में आचार्यत्व डॉ. सुदीप जैन 16. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जैनधर्म-दर्शन के . अहिंसा-विचार की प्रासंगिकता सुनील कुमार सिंह 17. साधक होता द्रष्टा-ज्ञाता दिलीप धींग 18. महान् वैज्ञानिक और सच्चे देशभक्त डॉ. जगदीश चंद्र बसु अशोक वशिष्ठ 19. वैदिक और जैन संन्यासी में उल्लिखित समतायें डॉ. रमेशचन्द जैन 20. पर्यावरण-संरक्षण और जैनधर्म पं. निहालचन्द जैन 21. पुस्तक-समीक्षा . डॉ. सुदीप जैन 22. अभिमत 100 23. अल्पसंख्यकों को शिक्षा-संस्थान.......... 101 24. समाचार-दर्शन 104 25. इस अंक के लेखक-लेखिकाएँ 111 प्राकृतविद्या अक्तूबर-दिसम्बर '2002 003

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