Book Title: Prakrit Vakyarachna Bodh
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 540
________________ परिशिष्ट ३ ५२३ एआहो, एअस्सु, एक्क, एक्का एक्कसु, एक्कासु, एक्कहो एक्काहो, एक्कसु स० एगहि, एगाहिं, एअहिं, एआहिं एगहिं, एगाहिं, एअहिं, एआहिं, एक्कहि एक्कहिं, एक्काहिं एक्काहिं २६ख स्त्रीलिंग एगा, एआ, एक्का (एक) शब्द एकवचन बहुवचन प्र० एगा, एग, एआ, एअ, एक्का एगा, एग, एगाउ, एगउ, एगाओ एक्क एगओ, एआ, एअ, एआउ, एअउ एआओ, एअओ, एक्का, एक्क, एक्काउ एक्कउ, एक्काओ, एक्कओ द्वि० एगा, एग, एआ, एअ, एक्का एगा, एग, एगाउ, एगउ, एगाओ एक्क एगओ, एआ, एअ, एआउ, एअउ एआओ, एअओ, एक्का, एक्क, एक्काउ एक्कउ, एक्काओ, एक्कओ तृ० एगाए, एगए, एआए, एअए । एगाहिं, एगहिं, एआहिं, एअहिं, एक्काहिं एक्कहिं पं० एगाहे, एगहे, एआहे, एअहे एगाहु, एगहु, एआहु, एअहु, एक्काहु एक्काहे, एक्कहे एक्कहु च०/ष० एगा, एग, एगाहे, एगहे एगा, एग, एगाहु, एगहु, एआ, एअ एआ, एअ, एआहे, एअहे एआहु, एअहु, एक्का, एक्क, एक्काहु एक्का, एक्क, एक्काहे, एक्कहे एक्कहु स० एगाहिं, एगहिं, एआहिं, एअहिं एगाहिं, एगहिं, एआहिं, एअहिं एक्काहिं, एक्कहिं एक्काहिं, एक्कहिं २६ ग नपुंसकलिंग एग, एअ, एक्क (एक)शब्द एकवचन बहुवचन प्र० एग, एगा, एगु, एअ, एआ एउ एग, एगा, एगई, एगाई, एअ, एआ एक्क, एक्का, एक्कु एअई, एआई, एक्क, एक्का, एक्कइं एक्काई द्वि० एग, एगा, एगु, एअ, एआ एग, एगा, एगई, एगाई, एअ, एआ एउ, एक्क, एक्का, एक्कु एअई, एआई, एक्क, एक्का, एक्कई एक्काई तृ० एगें, एगेण, एगेणं, एएं, एएण एगहि, एगाहिं, एगेहिं, एअहिं, एआहिं एएणं, एक्कें, एक्केण, एक्केणं एएहिं, एक्कहिं, एक्काहिं, एक्केहि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622