Book Title: Prakrit Vakyarachna Bodh
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 598
________________ परिशिष्ट ६ ५८१ भिडना-भिड (६५) मरना-मर (३३) भीख मांगना-भिक्ख (६५) मर्दन करना~मल, मढ, परिहट्ट, भूकना-बुक्क (३६) भुक्क (६५) ___खड्ड, चड्ड, मड्ड, पन्नाड (१०४) भूख लगना-खुम्म (४८) मलिन करना-पंस (६७) भूताविष्ट करना-आवेस (३८) मांगना-याच (१२) भूनना-भज्ज (६३) मानना-आढा (१५) मन्न (२७) भूल जाना (भूलना) विसमर (१६) माप करना-मा (८१) वीसर (२८) पम्हल (३८) मार डालना (मारना)-घाय (७) खल (४८) पम्हुस (६०) __ हण (२७) ताड, ताल (२६) विम्हर (१०२) पिट्ट (३०) वावास (६०) भेजना-पेस (१७) पट्ठव (२३) मार्जन करना-रोसाणे (१७) सुप भेदना-भिंद (६५) (६३) । भोजन आदि से तृप्त करना- मालिश करना-म६ (६५) पडितप्प (७५) मालूम होना-पडिमा (६) पडिभास भोजन करना-भुंज (६५) जिम, (७६) पडिहा, पडिहास (७९) जेम, कम्म, अण्ह, चमढ, समाण, मिलना--पघोल (६६) मिल (८१) चड्डु, कम्मव, उवहुज्ज (१०३) मिलाना-मेलव (१७) मिस्स (८१) भ्रमण करना--भम (६३) हिंड मीस (८२) (६१) टिरिटिल्ल, ढुण्ढुल्ल, मुग्ध होना-संमुज्झ (६४) गुम्म, ढण्ढल्ल, चक्कम्म, भम्भड, भमड, गुम्मड, मुज्झ (१०७) भमाड, तलअण्ट, झण्ट, झम्प, मुठभेड करना-भिड (६५) भुम, गुम, फुम, फुस, ढुम ढुस, मद्रित होना-ओमिल (४०) परी, पर (१०५) मुरझाना-पमिलाय (३८) भ्रष्ट करना-पडिभंस (८६) मूच्छित होना-मुच्छ (८२) मूर्ति आदि की विधि पूर्वक स्थापना मंत्रणा करना-मंत (६५) करना-पइट्ठव (६७) मंथन करना-पमत्य (३२) मह (८१) आलोड (६६) घुसल, मेंढक की तरह कूदना-उप्फिड विरोल (१०४) (४७) मद्य करना-मज्ज (५२) मोडना-वाल (६०) . . मधुर अव्यक्त ध्वनि करना-गुमगुम मौज करना-लल (८४) म्लान होना-मिला (८१) वा, ममता करना-ममा (८१) पव्वाय (१००) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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