Book Title: Prakrit Vakyarachna Bodh
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 621
________________ ६०४ प्राकृत वाक्यरचना बोध कर्तृवद् ४८६ ४६० कतरिवद् हसेज्ज w हसेज्जा हसाव हसावे ० or ४६१ m हसावे ४ 0 W m हसावेहामो हसाविहिस्सा आर्षरूपाणि m w कहे 8 ५१७ ५१६ m x ५२५ ५३० ५३२ ५४४ ५४५ आया, आय पचण्हं क्रियातिपत्ति हसिज्जित्था णिज्जासो ५४५ ५४८ ५४६ ५४६ २३ सावे १०. हसाविहामो हमाविहिस्सा अर्षरूपाणि २५ . . कहे, कहे आय, आय पचण्ह क्रियात्तिपत्ति ३० हसिजित्था णिय्यासो ७ . साहुणी समणो, वासिया १२ पुत्तवधू २४ हत्थिनी २७ हैमं गूगो ण्हाओ हिचक्की वत्थुआ कान २६ पक्खुभ २३ थक्कर देखा पीडना निकल नाना ३ शुश्रुषा का काटना ५५८ IS समणोवासिया पुत्रवधू हथनी हेमं गूंगा ण्हायओ हिचकी बथुआ कास पक्खुब्भ थक्क देखो पीडना निकल जाना शुश्रूषा को काटना S ५७० ५७१ ५७७ ५७८ ५८५ ५८६ ५८६ X W Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org


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