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प्राकृत वाक्यरचना बोध
कर्तृवद्
४८६ ४६०
कतरिवद् हसेज्ज
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हसेज्जा हसाव
हसावे
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४६१
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हसावे
४ 0 W
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हसावेहामो हसाविहिस्सा आर्षरूपाणि
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कहे
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५१७ ५१६
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५२५
५३० ५३२ ५४४ ५४५
आया, आय पचण्हं क्रियातिपत्ति हसिज्जित्था णिज्जासो
५४५
५४८ ५४६ ५४६
२३ सावे १०. हसाविहामो
हमाविहिस्सा
अर्षरूपाणि २५ . . कहे, कहे
आय, आय पचण्ह
क्रियात्तिपत्ति ३० हसिजित्था
णिय्यासो ७ . साहुणी
समणो, वासिया १२ पुत्तवधू २४ हत्थिनी २७ हैमं
गूगो ण्हाओ हिचक्की वत्थुआ
कान २६ पक्खुभ २३ थक्कर
देखा पीडना
निकल नाना ३ शुश्रुषा
का काटना
५५८
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समणोवासिया पुत्रवधू हथनी हेमं गूंगा ण्हायओ हिचकी बथुआ कास पक्खुब्भ थक्क देखो पीडना निकल जाना शुश्रूषा को काटना
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५७० ५७१ ५७७ ५७८ ५८५ ५८६ ५८६
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