Book Title: Prakrit Vakyarachna Bodh
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 592
________________ परिशिष्ट ६ णिउड्ड, बुड्ड, खुप्प, मज्ज त्याग करना, त्यागना-पच्चक्ख (६६) पजह (७२)पडियाइक्ख (७६) हा (६१) देखो, छोडना ढकना (ढांकना)-छाअ (१७) त्रास पाना-तस (३६) पक्खोड (६८) पच्छअ (७१) पडिपेहा (७५) आवर (९७) थक जाना(थकना)-थक्क (३५) ढीठाई करना-धरिस (६६) किलिस (४६) ढीला करना-पयल्ल (१०१) थर-थर कांपना-थरथर (५४) ढूंढना (खोजना) ढुण्डल्ल, ढण्ढोल, थूकना-थुक्क (५६) गमेस, धत्त, गवेस (१०७) थोडा ऊंचा होना-पच्चुण्णम (७०) ढोना-वह (८६) द दग्ध करना-देखो, जलाना तकलीफ देना-आयास (४३) दग्ध होना-दह, डह (३२) तडफडाना-तडप्फड (५३) दबाना--चंप (५१) तपना-तन (७) दमन करना-दम (५७) तपाना-ताव (१५) संताव (६६) दया करना-अणुकंप (३५) तर्क करना-तक्क (५३) दर्द होना (दुःख होना)-दुक्ख ताडना-ताल (२९) ताड (५८) (३६,५३) दांत से काटना-दंस (५६) ताली बजाना-अप्फोड (१४) दान करना-आयाम (४३) देखो, तिरस्कार करना-थुक्कार (५६) देना तीक्ष्ण करना (तेज करना)-ओसुक्क दान करवाना-दाव (५७) दान का बदला देना–पडिदा (७५) तृप्त होना-थिप, थेप (५६) दिप्प दिखलाना (दिखाना)--उवदंस (१३)दरिस (३६) दंसाव (५६) तैरना-तर(३३) संतर(६५) पडिदंस (७५) तोडना-भज्ज (२६) पिअरंज (४०) दिलाना-दलाव, दवाव दार (५७) भंज (६३)भिद (६५) तोड, तुट्ट, खुट्ट, खुड, उक्खुड, दीक्षा देना-दिक्ख (५८) उल्लुक्क, णिलुक्क, लुक्क, दु:ख कहना--णिव्वर (१००) उल्लूर, तुड (१०४) दुःख को छोडना-णिव्वल (१०२) तोलना-तोल (५३) दुःख पाना-अवसीअ (१६) Jain Education International For Private & Personal Use Only . . www.jainelibrary.org

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