Book Title: Prakrit Vakyarachna Bodh
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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परिशिष्ट ६
५७७
निर्वाह करना-पडिजागर (७४) पडना (नीचे गिरना)-खल (४८) निवास करना-णिवस (१३
पक्खल (६८) ___पडिवस (७७)
पढना-वाय (६०) सिक्ख (६२) निवृत्त करना-पडिसंहर (७८) पढाना-वाए (८६) वाय (६०) पडिसाहर (७६)
पतला करना --देखो, छीलना निवृत्त होना-पडिक्कम (७४) पतला होना--तणुअ (५३) ___ संजम (६६)
पत्थर पर शस्त्र आदि से अक्षर निवेदन करना-णिवेअ (१०) लिखना----उक्किर (८२) निषिध वस्तु का सेवन करना- परिताप करना-परितप्प (३०) पडिसेव (७६)
परित्याग करना-परिच्चय (३२) निषेध करना-हक्क, निसेह
उम्मच (४०) पइहा (६७) (१०४)
पच्चाचक्ख (७०) निष्पन्न होना (नीपजना) - निवज्ज परिभ्रमण करना-पडिचर (७५)
(१६) सिज्झ (६२) निव्वल देखो, भ्रमण करना निप्पज्ज (१०४)
परिवृत्त करना-परिआल (२३) नींद लेना-ओहीर, उङ घ, गिद्दा । परोसना-बट्ट (१६) (१००)
पर्यटन करना--पडिभम (७६) नीचे आना-पच्चुत्तर (७१) पर्यालोचन करना–संविभाव नीचे उतरना-पच्चोरुह (७१)
ओह, ओरस (१०२) पवित्र होना-खच (४८) नीचे गिरना--भंस (६३) ल्हस,
पसरना----वअल (८७) डिम्भ (१०७)
पसीजना-सिज्ज (५२) नीचे जाना-धस (६५) थक्कर
पहचानना-अभिजाण (३१) (१०२)
पच्चभिजाण (७०) लक्ख नीचे नमना-ओणम (६)
(८४) नीसास लेना-झङ ख, नीसस
पहनना-परिहा (३६) (१०७) .
पहुंचना-पहुच्च (३४ पहुप्प (१०१)
पहुंचाना-णी, णे (२) नृत्य करना-पणच्च (८०)
पान कराना-पज्ज (७२)
पालन करना--पाल (३७) पकडना-धर (१५)
पावन करना-वेअड, खच (१०२) पकाना-पय (६०) रंघ (८२) पालिश करना-ओप्प (२७)
सोल्ल पउल, पच (१०२) पास जाकर बताना-उवदंस (१३)
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