Book Title: Prakrit Vakyarachna Bodh
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 588
________________ परिशिष्ट ६ किसी अंक को समान अंक से गुणा करना- वग्ग (८८) क्रीडा करना --- कील (१३) किड्डु (४६) रम (३२) दिव (५८) संखुड्डु, खेड्डु, उब्भाव, किलिकिंच, कोट्टुम, मोट्टाय, णीसर, वेल्ल (१०६) कुत्ते का भौंकना — बुक्क ( ३६ ) भुक्क (६५) भस (१०७) कूटना - कुट्ट ( १७ ) कूदना - उकुद्द (१९) कुल्ल अवहाव (१०५ ) क्रोध करना - कुप्प (२४) आरूस (४४) पकुप्प (६७) जूर, कुज्झ (१०४) खाना चाहना -- नीरव (१०० खाली करने के लिए नमाना - उलटाना खिन्न करना- (४७) वग्ग (८७) - आयास (४३) कृपा करना -- अणुग्गह (३६) दय (५७) खिन्न होना - विसीअ (२५) अवसीअ (२६) खिज्ज (३३) पडिखिज्ज (७४) खींचना - करिस ( २८ ) अणुकड्ढ (३६) आअंछ (४२) पगड्ढ (६९) कड्ढ, साअड्ढ, अञ्च, अणच्छ, अयञ्छ, अइञ्छ, करिस (१०७) खींच लेना - आहर ( ६६ ) खुलना ( आंख का ). (२४) क्रोधित होना -- रूस (७) क्लेश पाना - किलिस्स (१६) किलेस (४६) क्वाथ करना-- - देखो उबालना क्षमा करना -- - मरह (८१) क्षीण होना - णिज्झर, झिज्ज (१००) क्षुब्ध करना - धरिस (५२) क्षुब्ध होना - खुब्भ (४८) खउर, पहुह (१००) क्षोभ उत्पन्न कर हिला देना ( क्षोभ पाना ) - पक्खुभ (६८) ख खंडखंड करना -- संचुण्ण (६६) खंडित करना (छेदना ) – दुहाव, Jain Education International णिच्छल्ल, णिज्भोड, णिव्वर, पिल्लूर, लूर, छिंद (१०४) खदेडना - हक्क (१) खरीदना -- किण (१५) कीण (४६) खांसना — खास (१३ ) कास (४६) खाना-- - भुंज ( ६ ) गस (४९) जम्म (५१) भक्ख (६३) आहार (e) ५७१ ०० ) - देखो - उम्मिल्ल For Private & Personal Use Only खुश होना - हरिस ( १ ) रिज्झ (८३) अवअच्छ ( १०४ ) खुशामद करना – अच्चीकर (३५) गुलल (१०२) खुशी करना - रंज (८२ ) अव अच्छ (१०४) खूब चलाना -- पचाल (६६) खूब बकना - लालप्प (८५) खेद करना - सीअ (१८) विसीअ www.jainelibrary.org

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