Book Title: Prakrit Gadya Padya Saurabh Part 1
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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1.
2.
6.
2
पाठ
मंगलाचरण
=
णमो अरहंताणं । णमो सिद्धाणं । णमो आयरियाणं । णमो उवज्झायाणं । णमो लोए सव्वसाहूणं ॥
3 - 5. अरहंता मंगलं । सिद्धा मंगलं । साहू मंगलं । केवलिपण्णत्तो धम्मो मंगलं ॥
1
एसो पंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो । मंगलाणं च सव्वेसिं, पढमं हवइ मंगलं ॥
झायहि पंच वि गुरवे, णर- सुर- खेयर - महिए,
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अरहंता लोगुत्तमा । सिद्धा लोगुत्तमा । साहू लोगुत्तमा । केवलिपण्णत्तो धम्मो
लोगुत्तमो ॥
अरहंते सरणं पव्वज्जामि । सिद्धे सरणं
पव्वज्जामि ।
साहू
सरणं
पव्वज्जामि |
के वलिपण्णत्तं धम्मं सरणं
पव्वज्जामि ।।
मंगलचउसरणलोयपरियरिए । आराहणणायगे
वीरे ॥
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प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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