Book Title: Prakrit Gadya Padya Saurabh Part 1
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 9
________________ उपयोगी सिद्ध होगी। इससे काव्यों में व्याकरण का प्रयोग किस तरह हुआ है उसे समझा जा सकेगा तथा काव्यों के भावानुवाद के स्थान पर व्याकरणात्मक अनुवाद करने की पद्धति आत्मसात की जा सकेगी। इससे काव्यों का अर्थ करने में समीचीनता की ओर दृष्टि रहेगी। पुस्तक प्रकाशन के लिए अपभ्रंश साहित्य अकादमी के कार्यकर्ता एवं मदरलैण्ड प्रिण्टिंग प्रेस धन्यवादाह हैं। नरेशकुमार सेठी नरेन्द्रकुमार पाटनी अध्यक्ष मंत्री प्रबन्धकारिणी कमेटी दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी डॉ. कमलचन्द सोगाणी संयोजक जैनविद्या संस्थान समिति तीर्थंकर पुष्पदन्त जन्म कल्याणक दिवस मार्गशीर्ष शुक्ल प्रतिपदा वीर निर्वाण सम्वत् 2530 24.11.2003 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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