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अभ्यास- 36
(क) निम्नलिखित वाक्यों की प्राकृत में रचना कीजिए । क्रियानों के प्रेरणार्थक रूप
बनाकर वाक्य बनाइए
राज्यों में शासन फैलावे ।
1. वह आकाश में विमान उड़ाता है । 2. राजा 3. हनुमान जंगल जलाता है । 4. सेनापति सेना को छिपावेगा । 5. तुम बुढ़ापे में वैराग्य बढ़ाओ । 6. साधु मनुष्य को शान्त करता है । 7. माता पुत्री को नचाने के लिए रुकाती है । 8. वह मुझको हँसाती है । 9 मैं उसको जगाता 12. नाग14. मौसी
हूँ। 10. तुम उसको छिपाते हो । 11. वे उन सबको नचाते हैं । रिक खेत में धान उगाते हैं । 13 राक्षस बच्चे को मरवाता है । पुत्री को समुद्र में कुदाती है । 15. दादी पोते को नहलाती है । बेटी को ठहराता है | 17. पिता पुत्री को सुलावे
डराते हैं ।
बैठता है ।
16. मामा
18. राक्षस बालकों को
। 19. दादी बालकों को खिलाती है । 20. राजा साधु को
उदाहरण
वह आकाश में विमान उड़ाता है == सो गहे / णहम्मि विमाणं प्रोडुइ / प्रोड्डेइ / डाव / डावे |
(ख) निम्नलिखित वाक्यों को प्राकृत में रचना कीजिए । कर्मवाच्य के प्रेरणार्थक प्रत्यय जोड़कर वाक्य बनाइए
1. उसके द्वारा प्राकाश में विमान उड़ाया जाता है। 2. राजाओं द्वारा राज्य में शासन फैलाया जाता है । 3. हनुमान द्वारा जंगल जलाया जाता है । 4. सेनापति द्वारा सेना को छिपाया जाता है । 5 तुम्हारे द्वारा बुढ़ापे में
नोट - इस अभ्यास - 36 को हल करने के लिए 'प्राकृत रचना सौरभ' के पाठ 78 का अध्ययन कीजिए ।
प्राकृत अभ्यास सौरभ ]
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