Book Title: Prakrit Abhyasa Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 234
________________ 6. निम्नलिखित पद्य में आए हुए समासों को बताइए। (कोई एक पद्य पूछा जायेगा) 7. प्राकृत की किसी एक विभक्ति के प्रयोग की व्याख्या पछी जायेगी। (प्राकृत की किसी एक विभक्ति के सम्बन्ध में पूछा जायेगा) 8. निर्देशानुसार निम्नलिखित संज्ञा शब्दों के प्राकृत एवं अपभ्रंश के रूप सभी विकल्पों में लिखिए। (इसमें पांच शब्द पूछे जायेंगे) निर्देशानुसार निम्नलिखित सर्वनामों के प्राकृत एवं अपभ्रंश के रूप सभी विकल्पों में लिखिए। (इसमें तीन शब्द पूछे जायेंगे) 10. निम्नलिखित अपभ्रंश व प्राकृत के वाक्यों को शुद्ध कीजिए। (इस में दो प्राकृत व दो अपभ्रंश के वाक्य पूछे जायेगे) 11. निम्नलिखित अपभ्रंश व प्राकृत के वाक्यों का निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए। (इसमें दो अपभ्रंश व दो प्राकृत के वाक्य पूछे जायेंगे) 12. निम्नलिखित वाक्यों का दो प्रकार से प्राकृत एव अपभ्रंश में अनुवाद कीजिए। (इसमें दो वाक्य पूछे जायेंगे) 13. अनियमित भूतकालिक कृदन्तों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित वाक्यों का प्राकृत में अनुवाद कीजिए। 5 (इसमें पांच वाक्य पूछे जायेंगे) 14. अनियमित कर्मवाच्यों के क्रिया-रूपों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित वाक्यों का प्राकृत में अनुवाद कीजिए। 5 (इसमें पांच वाक्य पूछे जायेंगे) 15. निर्देशानुसार निम्नलिखित क्रियाओं के प्राकृत में सभी विकल्पोंसहित क्रिया रूप लिखिए। (इसमें चार क्रियारूप पूछे जायेंगे) प्राकृत अभ्यास सौरभ ] [ 223 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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