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( ७ ) अथ सर्व जिनपूजा. सकल जिनेश्वर प्रेमे पूजो, अशुभ कर्मश्री भवि जन जो; कुसुमांजलि जिन चरणे धरीए, सहज स्वावे शिवपुर वरीए ॥ २ ॥ कुसुमांजलि पूजो सर्व जिनन्दा, तुज चरण कमल सेवे चोसठ इंदा.
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( फूल चढावुं. ६ ) इति चोवीशजिन पूजा.
सर्व जिन पूजा.
ढाळ.
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पन्नारक्षेत्रे अतीत कालमां, वर्तमानमां वर्त्तेजी, नाविकाले थाशे जे जिन; वीतराग गुण शर्तेंजी, एकसो ने सित्तेर तीर्थकर, उत्कृष्टा जे कालेजी. पूजुं बांडुं गावं ध्यावु, खातम जे अजवाले जो ॥ १ ॥ जन्मोत्सव कल्याणक उजवे, इन्द्रादिक बहुजावे जी; जन्मकाल तीर्थकर हुने, मेरुपर लेइ जावेजी; सर्व जाति कलशा अनिषेके, प्रेमे प्रभु न्हवरावेजी. एवा अरिहंता त्रण कालना, पूजीजे एक भावेजी ॥ २ ॥ ( फूल चढाववुं 3 )
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