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४६ सयम्भुकिउ पउमचरिउ
[२०९,८-१०,१०,१-१०,११,१-४ रह रहहों देवि दुरिएण सुउ सबगिउ असि-पहसेहिँ लुउ ॥ ८ तेण कि खग्गे चलणेहिँ हउ णं सन्धि-विसऍपय-छेउ किउ ॥ ९
॥ घत्ता ॥ दुरियाहिबु. णिय-रहवरें ओणल्लियउ। दुवाऍण
तरु जिह भजेवि घल्लियउ ॥ १०
[१०] . दुरियाहिवें पलोट्टिए वे वि साणुराया। '
रावणराम-भिच्च उद्दाम-वग्घ-राया ॥ १ वे वि विरुद्ध कुद्ध वद्धाउस · वेणि वि उत्थरन्ति जिह पाउस ॥ २ 10 आमेल्लन्ति परोप्परु अत्थई दुद्धर-दणु-णिद्दलण-समत्थई ॥ ३
कु-कलत्ता इव चडुल-सहावइँ कामिणि-णह इव चीरण-भाव ॥४ दुजण-मुह इव विन्धण-सील िविस-हल इव मुच्छावण-लीलइँ॥ ५ छाइउ णह-यलु पहरण-जालें । णं अवुहत्तणु मोह-तमाले ॥ ६
आयामेंवि भुव-फलिह-पइग्में सरु अग्गेउ विसजिउ विग्घे ॥ ७ 1 वारुणु उद्दामें आमेल्लिउ वायवु विग्घयरेण पंघल्लिउ ॥ ८ पुणु उद्दामें मुक्कु महीहरु वाणर-वुक्करन्तु सय-कन्दरु ॥ ९
॥ घत्ता ॥ "तं विग्घेण
विग्घु करेप्पिणु समर-मुहें। मुसुमूरवि
जीविउ छुडु कैयन्त-मुहें ॥ १०
[११] जं दारिय महाहवे वावरन्त सिग्धे।
हय-सन्ताव-पहिय-अक्कोस-दुरिय-विग्घे ॥१ तं एवड्ड दुक्खु पेक्खेप्पिणु रवि अत्थमिउ णाई असहेप्पिणु ॥ २
अहवइ णह-पायवहाँ विसालहा सयल-दियन्तर-दीहर-डालहों ॥ ३ 25 उवदिस-रङ्खोलिर-उवसाहों सञ्झा पल्लव-णियर-सणाहहों ॥ ४
8 P S 'पहरेण. 9 P S A दुरियाहिवो. ___10. 1 A °याहवे. 2 PS रामण. 3 A °राव. 4 P उथरंति, A ओत्थरंति. 5 PS सत्थइ. 6 P दुद्ददम°, S दुद्दम°. 7 P पईग्, s पईवें. 8 P परिमेल्लिड, S पमेल्लिउ. 9 P S वाणरु, A वारुण. 10 P S तें. 11 Ps कियंत.
11. 1.P S दारुण. 2 PS वावरंति. 3 A सिग्धं. 4 A विग्जं. 5 A पेक्खेविणु. [९] १ रामकिंकरेग. २ रावणकिंकरम्य.
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