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क०६,९,७,१-९,८,१-6]
जुज्झकण्डं-चउसट्ठिमो संधि [५१
॥घत्ता॥ विजाहर-वंस-पईबहों भिडमाणहों सुग्गीवहों। थिउ अन्तरें वाहिय-सन्दणु ताम पहञ्जण-णन्दणु ॥ ९
हणुवन्तें वुच्चइ 'माम माम तुहुँ अच्छहि जहिँ सोमित्ति-राम ॥१ । हउँ एक्कु पहुच्चमि णिसियराहुँ. जिह गरुडु असेसहुँ विसहराहुँ ॥२ जिह धूमकेउ जुर्ग णरवराहुँ। पलयाणलु जिह जर-तरुवराहुँ॥ ३ जिह पलय-पहञ्जणु जलहराहुँ सुर-कुलिस-दण्डु जिह गिरिवराहुँ ॥ ४ घेलु णं वणु भञ्जमि रसमसन्तु वंसुज्जल-मूल-तरुक्खणन्तु ॥ ५ रयणीयर-तरुवर णिद्दलन्तु भुव-दण्ड-चण्ड-डालाहणन्तु ॥६ सुललिय-करयल-पल्लव लुलन्तु णक्खावलि-कुसुम समुच्छलन्तु ॥ ७ धय-छत्तइँ पतइँ विक्खिरन्तु गरवर-सिर-फल-सहसइँ खुडन्तु ॥८
॥ घत्ता ॥ गलगविजें अञ्जण-णन्दणु स-कवउ स-गउ स-सन्दणु । पर-चलें पइसरइ महबलु विज्झें जेम दावाणलु ॥ ९
[८] पढम-भिडन्तें तेण वाइणा वासुएव-चल-पक्खवाइणा ॥१ हयवरेण णवराहओ हओ गयवरेण जो आगओ गओ ॥ २ रहवरेण खय-सूरहो रहो धयवडेण जस-लुद्धओ धओ ॥३ जरवरेण वयणुब्भडो भडो पर-सिरेण पर-संसिरं सिरं ॥४ करयलेण सु-भयङ्करो करो भड-कमेण स-परक्कमो कमो ॥ ५ दारुणं कैयं एव सञ्जयं हड्ड-रुण्ड-विच्छड्डु-सञ्जयं ॥ ६ सुहड-सुहड-सन्दाणवन्तयं घोर-मारि-सन्दाणवन्तयं ॥ ७ जत्थ तत्थ अत्थमिय-सूरयं .णिसि-णहं व अत्थमिय-सूरयं ।। ८ • 7. 1 A has °ह (°ह ) everywhere. 2 P S जरु. 3 PS सुजलु मूलु. 4 Ps °चंड. 5 A पलया. 6 P °साहइ. 7 P S सकउ. 8 P S सहसंदणु.
8. PS पइसरंतेण. 2 P ° वलएव', 'वलयेव. 3 5 जमलुद्धवो. 4 wanting in s. 5 The portion beginning from this and ending with o in line 5 is wanting in s. 6 P भवरं सिरं. 7 A सुयरक्खमो. 8 P °विच्छिड्डू', °संकयजुयं. 9 Ps वंतई. [७] १ प्रलयकाल-वातः. २ बलमेव नन्दनवनम्. ३ हनूमंतः, 14j१ हनुमंतेण. २ प्रलयकालसूर्यः. ३ संग्राम. ४ संयुक्तं. ५ सुभटा, सद्घटाश्च रथाश्च. ६ 'संदा' रथाश्च, 'आणा' घोटकाश्च. ७ रौद्रमार्या संदानं रोधनं विद्यते यत्र.
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