Book Title: Oswal Maha Sammelan Pratham Adhiveshan Ajmer Ki Report
Author(s): Rai Sahab Krushnalal Bafna
Publisher: Rai Sahab Krushnalal Bafna

View full book text
Previous | Next

Page 7
________________ 454545454545454545454545454545454545454545454545 अखिल भारतवर्षीय ओसवाल महासम्मेलन au USUSL645454545454545454545454545454545454545455 प्रथम अधिवेशन-अजमेर, सं० १एनए रिपोर्ट संगठन के इस युगमें प्रत्येक समाज के लिये यह आवश्यक हो गया है कि वह अपने भिन्न २ अंगों को एक सूत्र में बांध कर सामूहिक रूपसे अपने उत्थान के लिये प्रयत्न करे। केवल भिन्न २ समाजों को ही संगठन की आवश्यकता नहीं है परन्तु राजनतिक, धार्मिक तथा औद्योगिक क्षेत्र में भी संगठन एक प्रभावशाली शक्ति मानी जाती है और इसके सहारे ही लोग अपनी उन्नति के मार्ग को प्रशस्त करने में समर्थ होते हैं। हमारे देशमें भी भिन्न २ समाज, व्यवसाय तथा विचार के मनुष्य पारस्परिक संगठन के द्वारा अपने को उन्नतिशील बनाने का प्रयत्न करते हैं। केवल संगठन पर ही हमारा यह देश संसार के प्रमुख राष्ट्रों की श्रेणी में अपना उचित स्थान प्राप्त करने का उद्योग कर रहा हैं। संगठन के द्वारा देश के उद्योग धंधों को भी सुधारने का प्रयत्न हो रहा है। इस दृष्टि से हमारा ओसवाल समाज ही पिछड़ा हुआ है। सामाजिक संगठन का कोई व्यवहारिक कार्यक्रम अथवा स्वरूप अपने सामने नहीं रहने के कारण हम अपने संगठन को स्वप्नवत् ही समझते थे। अन्य समाजों के संगठन तथा उनके द्वारा होनेवाली उन्नति की ओर तृष्णा भरो दृष्टि से देखने के सिवा हमारे लिये कोई दूसरा रास्ता नहीं था। अपनी निःस. हाय अवस्था पर मनही मन हम लजित होते थे और निकट भविष्य में इस दशा से छुटकारा Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 ... 86