Book Title: Oswal Maha Sammelan Pratham Adhiveshan Ajmer Ki Report
Author(s): Rai Sahab Krushnalal Bafna
Publisher: Rai Sahab Krushnalal Bafna

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Page 19
________________ [ १३ ] विशेष ध्यान देना चाहिये। आपस की फूट इसकी अवनति का मुख्य कारण है। सम्मेलन को पूर्ण सफलता मिले।" . (४) मुनि महाराज श्रीहिमांशुविजयजी (अनेकान्ती)-मुः उज्जैन "ओसवाल जाति को परस्पर सम्बन्ध करने में प्रान्त, देश का भेद बाधक नहीं होना चाहिये। श्रोओसवाल सम्मेलन सम्पूर्ण सफलता प्राप्त करे, यह मैं हृदय से चाहता हूं।” (५) राय बहादुर सिरेमलजी बाफणा, एम० ए०, एल० एल० बी०, सी० आई० ई० प्रधान मंत्री-रियासत इन्दोर ___ "मुझे बड़ा खेद है कि कई अनिवार्य कारणों के सबब मैं नहीं आ सकता। सम्मेलन की सफलता हृदय से चाहता हूं।" (६) डा० भंवरलालजी बरड़िया, सिविल सर्जन-लखनऊ ___“छुट्टी नहीं मिल सकने के कारण आ नहीं सकता। मैं सम्मेलन की पूर्ण सफलता चाहता हूं।" (७) श्रीमान् कन्हैयालालजी भंडारी, मैनेजिंग डाइरेक्टर, 'भंडारी मिल्स्'-- इन्दोर “मैंने सम्मेलन में आने का पूर्ण निश्चय कर लिया था परन्तु आज ही एक ऐसा काम उपस्थित हो गया है कि जिसके कारण मेरी इच्छा के विरुद्ध मुझे यहां रुकना पड़ा है। मैं सम्मेलन को पूर्ण सफलता चाहता हूं।" (८) सेठ रघुनाथमलजी, बैङ्कर-मुः हैदराबाद (डेक्कान ) “बीमारी के कारण सम्मेलन के अधिवेशन पर नहीं आ सकता जिसके लिये खेद है। मैं सम्मेलन की हर प्रकार से सफलता चाहता हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि जो प्रस्ताव पास किये जावें उनको व्यवहारिक रूप भी दिया जावे। ओसवाल समाज के सहायतार्थ ओसवाल बैङ्क कायम करने के लिये मेरा अनुरोध है । ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि सम्मेलन को पूरी सफलता मिले।" (६) सेठ अचलसिंहजी (जेलसे)-मुः आगरा (बाबू दयालचन्दजी जौहरो द्वारा प्राप्त) “मैं ओसवाल समाज में संगठन, प्रेम और सुधार की निहायत ज़रूरत समझता हूं और अगर अवकाश मिला तो सेवा करने को तैयार हूं।" (१०) श्रीमतो भगवती देवी, धर्मपत्नी सेठ अवलसिंहजी-मुः आगरा “बीमार होने के कारण नहीं आ सकती इसका खेद है। सम्मेलन की सफलता चाहता हूं। कृपया परदा, स्त्री-शिक्षा तथा स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग आदि विषयों पर प्रस्ताव पास करियेगा।" Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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