Book Title: Oswal Maha Sammelan Pratham Adhiveshan Ajmer Ki Report
Author(s): Rai Sahab Krushnalal Bafna
Publisher: Rai Sahab Krushnalal Bafna

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Page 74
________________ [ ६४ ] वाली बातांमे तो कोई कोई बात कमतीपणारी निखर आवे नहीं, जिनस आपणा लोक पैसा वाला, ओर सुखी दीसे, पिण बारलो एक अङ्ग देखनेइज, कोई बात नक्की करणी वाजवी नहीं, मायलो अङ्ग देख्या बिना खरी स्थिति मालुम पडली नहीं जिरो अठे थोडो विचार करसां । मायले अडरे विचार में उपरली सारली बातां उलटी निजर अम्बे, ओर लोक, दुखी, करज में डूबोडा कायरे काम ने कंटालयोडा इसाईज घणा दीसे, कारण रुजगार में चारुकानी पैदा आगले विधे कमती हुय गई खरच दिन दिन देखा देखी बध गया, जिणसू लोकांरे कन्ने पूंजी में तन्त और तरावट रही नहीं, ऊ ऐब छिपावणारे वाक्खे थोथी कीर्ति मिलावणारी इच्छा बध गई, वा थोथी कीर्ति सैंकड़ों कुटुम्बरो नास कर रही है" इत्यादि अन्त में कामरे वास्ते एक मोटी सभा स्थापन हुई चहिजे, उण सभा में न्याय न्यारा गांवरा दुश्यार और अनुभवो लोक मेंबर नेम्या चहिजे, वा सभा हर एक जिल्हारे गांव में भरणी चहिजे, ओर हर एक गांवरे और खेडारे पंचारे तरफ एक एक मुक्त्यार उण सभा में आवणो चहिजे, उण सभा में बहुमतसू जिका जिका ठेराव हुवे, वे ठेराव सारा जिणा कबूल करने उण प्रमाणे चालीयो चहिजे, उण सभारे खरच सारु, हर एक गांव वाला ओर खेडा वाला आप आपरे ताकद माफक वर्गणी खुशीसू गोला करने मदत भेजनी चाहिने, इस्त्राजे काम चाल्यो तो थोड़ा दिना में आपना लोकांरो सारी बांता में सुधारो इसी इण में बिलकुल संसो नहीं ।" स्वागतसमिति की ओर से आप की सेवा में कई विज्ञप्तियां पहुंची होंगी । उनके अवलोकन से आप इस सम्मेलन के उद्देश्य से भलीभांति परिचित हो गये होंगे । उसकी सफलता के निमित्त एक ऐसी संस्था का स्थापित होना आवश्यक है जो समस्त समाज में संगठन की रुचि पैदा करे । एक ही वर्ग की उन्नति को अपना लक्ष्य बनाने पर संगठन में उतनी सफलता प्राप्त नहीं 'सकती जितनी आशा की जाती है। वर्ग की सीमा जितनी विस्तृत होगो, संगठन में उतनी ही आसानी होगी। संस्था का नाम ऐसा होना चाहिये जिस में किसी भी वर्ग को संस्था के साथ सहानुभूति दिखाने में हिचकिचाहट न हो। ऐसे सम्मेलन यदि समय समय पर होते रहेंगे तो उन से में उत्साह उत्पन्न होता रहेगा और हम क्रमशः अपने उद्देश्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। संस्था की ओर से एक पत्र का प्रकाशित होना भी जरूरी है। पत्र से दूर दूर देशों में रहने वालों को भी संस्था के कार्यों की जानकारी रहेगी और यदि आप लोग बराबर उन्नति दिखाते रहेंगे तो मुझे पूर्ण आशा है कि संस्था को हर एक तरफ से सब प्रकार की सहायता मिलती रहेगी। समाज Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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