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जे भिक्खू आगंतागारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु वा अण्णउत्थिण वा गारस्थिएण वा असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा अभिहडं आहट्टु दिज्जमाणं पडिसेहेत्ता तमेव अणुवत्तिय - अणुवत्तिय परिवेढिय-परिवेढिय परिजविय - परिजविय ओभासिय - ओभासिय जाय, जायंतं वा साइज्जइ ॥९॥
जे भिक्खू आगंतागारे वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु वा अण्णउस्थिरहिं वा गारत्थि एहिं वा असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा rass or दिनमाणं पडिसेहेत्ता तमेव अणुवत्तिय - अणुवत्तिय, परिवेढियपरिवेढिय, परिजविय - परिजविय; ओभासिय- ओभासिय जायइ जायंत वा साइज्जइ ॥
जे भिक्खू आगंतागारे वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु वा अण्णउत्थिणीए वा गारत्थिणीए वा असणं वा पाण वा खाइमं वा साइमं वा अभिहडं आहट्टु दिज्नमाणं पडिसेहेत्ता तमेव अणुवत्तिय - अणुवत्तिय परिवेढिय-परिवेदिय परिजविय - परिजविय अभासिय - ओभासिय जायइ जायंतं वा साइज्जइ ॥ ११॥
जे भिक्खू आगंतागारेसु वा आरामागारेसु वा गाहावइकुलेसु वा परियासहेसु वा अण्णउत्थिणीहि वा गारत्थिणीहिं वा असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा अभिहडं आहदु दिज्जमाणं षडिसेहेत्ता ताओ अणुवत्तिय - अणुवत्तिय परिवेढिय - परिवेढिय परिजविय - परिजविय अभासिय- आसासिय जायइ जायंनं वा साइज्जइ ॥ १२ ॥
जे भिक्खू गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पविट्ठे पडियाइक्खिए समाणे दोच्चपि तमेव कुलं अणुप्पविसइ अणुप्पविसंतं वा साइज्जइ || १३||
जे भिक्खू संखडिपलोयणार असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गार्हतं वा साइज्जइ ॥ १४ ॥
जे भिक्खू गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अणुप्पविट्ठे समाणे परं तिघरंतराओ असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा अभिहरं आहददु दिज्जमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गा वा साइज्जइ ॥ १५ ॥
जे भिक्खू अप्पणो पाए आमज्जेज्ज वा पमज्जेज्ज वा आमज्जंतं वा पमज्जेत वा साइज्जइ ||१६||
जे भिक्खू अप्पणो पाए संवाहेज्ज वा पलिमद्देज्ज वा संवार्हेतं वा पमितं वा साइज्जइ ॥१७॥ २
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