Book Title: Nishith Sutram
Author(s): Ghasilalji Maharaj, Kanhaiyalalji Maharaj
Publisher: Jain Shastroddhar Samiti

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Page 538
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जे भिक्खू कालियसुयस्स परं तिण्डं पुच्छाणं पुच्छइ पुच्छंत वा साइज्जइ ॥९॥ जे भिक्खू दिठिवायस्स परं सत्तण्डं पुच्छाणं पुच्छइ पुच्छंत वा साइज्जइ ॥१०॥ जे भिक्खू चउसु महामहेस सज्झायं करेइ करेंतं वा साइज्जइ । तं जहा-इंदमहे, खंदमहे, जक्खमहे, भूयमहे ॥११॥ जे भिक्खू चउसु महापडिवएस सज्झायं करेइ करेंतं वा साइज्जइ । तं जहामुगिम्हियपाडिवए, आसाढीपाडिवए, आसोईपाडिवए, कत्तियपाडिवए ॥१२॥ जे भिक्खू पोरिसिं सज्झायं उवाइणावेइ उवाइणावेतं वा साइज्जइ ॥१३॥ जे भिक्खू चउक्कालं सज्झायं न करेइ न करेंत वा साइज्जइ ॥१४॥ जे भिक्खू असज्झाइए सज्झायं करेइ करेंने वा साइज्जइ ॥१५॥ जे भिक्खू अप्पणो असज्झाइए सज्झायं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥१६॥ जे भिक्खू हेठिल्लाइं समोसरणाई अवाएत्ता उवरिल्लाई समोसरणाई वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥१७॥ जे भिक्खू णववंभचेराई अवाएत्ता उवरिमसुयं वाएइ वाएंतं वा सइज्जइ ॥१८॥ जे भिक्खू अपत्तं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥१९॥ जे भिक्खू पत्तं ण वाएइ ण वाएंतं वा साइज्जइ ॥२०॥ जे भिक्खू अव्वत्तं वाएइ वाएंतं वा साइज्जइ ॥२१॥ जे भिक्खू वत्तं ण वाएइ ण वाएंतं वा साइज्जइ ॥२२॥ जे भिक्खू दोण्हं सरिसगाणं एक्कं सिक्खावेइ एक्कं न सिक्खावेइ, एक्कं वाएइ एक्कं न वाएइ, एक्कं सिक्खातं एक्कं न सिक्खावेंत वा, एक्कं वाएंतं एक्कं ण वाएंतं वा साइज्जइ ॥२३॥ जे भिक्खू आयरियउवज्झाएहि अविदिणं गिरं आइयइ आइयंतं वा साइज्जइ । जे भिक्खू अण्णउत्थियं वा गारत्थियं वा वाएइ वाएंत वा साइज्जइ ॥२५॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारत्थियरस वा पडिच्छइ पडिच्छंत वा साइज्जइ॥२६॥ जे भिक्खू पासत्यं वाएई बाएंतं वा साइज्जइ ॥२७॥ जे भिक्खू पासत्थस्स पडिच्छइ पडिच्छंत वा साइज्जइ ॥२८॥ For Private and Personal Use Only

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