Book Title: Nishith Sutram
Author(s): Ghasilalji Maharaj, Kanhaiyalalji Maharaj
Publisher: Jain Shastroddhar Samiti

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Page 544
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चाउम्मासियं परिहारट्ठाणं पट्टविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअट्ट सहेउं सकारणं अहीणमइरित्तं तेण परं दिवइढो मासो ॥३४॥ तेमासियं परिहारहाण पट्टविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअहें सहेउं सकारण अहीणमइरित्तं तेण परं दिवढो मासो ॥३५॥ दोमासियं परिहारहाणं पट्टविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअळं सहेउं सकारणं अहीणमइरित्त तेण परं दिवइढो मासो ॥३६॥ मासियं परिहारट्ठाणं पट्टविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पविखया आरोवणा आइमज्जावसाणे सअटुं सहेउं सकारणं अहीणमइरित्तं तेण परं दिवइढो मासो ॥३७॥ दिवइढमासियं परिहारहाणं पठ्ठविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअटुं सहेउं सकारणं अहीणमइरित्तं तेण परं दो मासा ॥३८॥ दोमासियं परिहारट्ठाणं पट्ठविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारट्ठाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअळं सहेउं सकारणं अहीणमइरितं तेण परं अड्ढाइज्जा मासा ॥३९॥ ____ अड्ढाइज्जमासियं परिहारट्टाणं पविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारद्वाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पविखया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअटुं सहे सकारणं अहोणमइरित्तं तेण परं तिणि मासा ॥४॥ तेमासियं परिहारहाणं पट्टविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारद्वाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया अरोवणा आइमज्झावसाणे सअर्ट सहे सकारणं अहीणमइरित्तं तेण पर अटुटा मासा ॥४१॥ अद्भुट्ठमासियं परिहारहाणं पट्टविए अणगारे अंतरा मासियं परिहारहाणं पडिसेवित्ता आलोएज्जा अहावरा पक्खिया आरोवणा आइमज्झावसाणे सअहँ सहेउं सकारणं अहीणमइरित्तं तेण परं, चत्तारि मासा ॥४२॥ For Private and Personal Use Only

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