Book Title: Nishith Sutram
Author(s): Ghasilalji Maharaj, Kanhaiyalalji Maharaj
Publisher: Jain Shastroddhar Samiti

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Page 517
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जे भिक्खू परं अद्धजोयणमेराओ सपायपहंसि पायं अभिहडं आहटु दिज्जमाणं पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥ ८॥ जे भिक्खू धम्मस्स अवन्नं वयइ वयं वा साइज्जइ ॥९॥ जे भिक्खू अधम्मस्स वण्णं वयइ वयंत वा साइज्जइ ॥ १० ॥ जे भिक्खू अण्णउत्थियस्स वा गारस्थियस्स वा पाए आमज्जेज्ज वा पमज्जेज्ज वा आमज्जंतं वा पमज्जत वा साइज्जइ ॥ ११॥ एवं तइयउद्देसगमो णेयव्वो णवरं अण्णअत्थियस्स वा गारत्थियस्स वा अभिलावो भाव जे भिवखू गामाणुगाम दुइज्जमाणे अण्णउस्थियरस वा गारपियरस वा सीसदुवास्यिं करेइ करेंत वा साइज्जइ ॥१२-६३॥ जे भिक्खू अप्पाणं बीहावेइ बीहावेतं वा साइज्जइ ॥ जे भिक्खू परं बीहावेइ बीहार्वेतं वा साइज्जइ ॥६५॥ जे भिक्खू अप्पाणं विम्हावेई विम्हावेत वा साइज्जइ ॥६६॥ जे भिक्ख परं विम्हावेइ विम्हावेंतं वा साइज्जई ॥६७॥ जे भिक्खू अप्पाणं विपरियासेइ विपरियासतं वा साइज्जइ ॥६८॥ जे भिक्खू परं विपरियासेइ विपरियासंतं वा साइज्जइ ॥६९॥ जे भिक्खु मुहवण्णं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥७॥ जे भिक्खू वेरज्जविरूद्धरज्जंसि सज्जो गमणं सज्जो आगमणं सज्जो गमणागमणं करेइ करेंतं वा साइज्जई ॥७१॥ जे भिक्खू दियाभोयणस्स अवणं वयइ वयंतं वा साइज्जइ ॥७२॥ जे भिक्खू राइभोयणस्स वणं वयइ वयंत वा साइज्जइ ॥७३॥ जे भिक्खू दिया असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेत्ता दिया भुंजइ दिया मुंजतं वा साइज्जइ ॥७४॥ जे भिक्खू दिवा असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेत्ता रत्ति भुजइ रति मुंजतं वा साइज्जइ ।।७५॥ जे भिक्खू रत्तिं असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेत्ता दिया भुंजइ दिया मुंजत वा साइज्जइ ॥७६॥ जे भिक्खू रत्तिं असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेत्ता रत्ति मुंजइ रति मुंजतं वा साइज्जइ ॥७७॥ For Private and Personal Use Only

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