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जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु वसहि पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ ॥२७॥ जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु सज्झायं करेइ करेंतं वा साइज्जइ ॥२८॥ जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु सज्झायं उदिसइ उदिसंतं वा साइइज्जइ ॥२९॥ जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु सज्झायं समुदिसइ समुद्दिसंतं वा साइज्जइ ॥३०॥ जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु सज्झायं अणुजाणइ अणुजाणतं वा साइज्जइ ॥३१॥ जे भिक्खू दुगुछियकुलेसु सज्झायं वाएइ वायतं वा साइज्जइ ॥३२॥ जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु सज्झायं पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइज्जइ ॥३३॥ जे भिक्खू दुगुंछियकुलेसु सज्झायं परियटेइ परियटेतं वा साइज्जइ ॥३४॥
। इति जुगुप्सित-कुलपकरणम् । जे भिक्खू असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पुढवीए णिक्खिवइ निक्खिवंतं वा साइज्जइ ॥३५॥
जे भिक्खू असणं वा पाणं वा खाइम वा साइमं वा संथारए णिक्खिवइ णिक्खिवंतं वा साइज्जइ ॥३६॥
जे भिक्खू असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा वेहासे णिक्खिवइ णिक्खिवंतं वा साइज्जइ ॥३७॥ ____ जे भिक्खू अण्ण उत्थिएहि वा गारथिएहि वा सद्धिं भुंजइ भुजतं वा साइज्जइ ॥३८॥
जे भिक्खू अण्णउत्थिएहिं वा गारथिएहिं वा सद्धिं आवेढिय परिवेढिय मुंबई मुंजतं वा साइज्जइ ॥३९॥
जे भिक्खू आयरियउवज्झायाणं सेज्जासंथारगं पारणं संघटित्ता हत्येणं अणणुण्णइत्ता पधारेमाणे गच्छइ गच्छंतं वा साइज्जइ ॥४०॥
जे भिक्खू पमाणाइरित्तं वा गणणाइरित्तं वा उवहिं धरेइ धरतं वा साज्जइ ॥४१॥
जे भिक्खू अणंतरहियाए पुढवीए जीवपइटिए सअंडे सपाणे सबीए सहरिए सओसे सउदए सउत्तिंगपणगदगमट्टियमक्कड़ासंताणगंसि दुब्बद्धे दुण्णिक्खित्ते अणिकंपे चलाचले उच्चारपासवणं परिद्ववेइ परिटवेतं वा साइज्जइ ॥४२॥ तं सेवमाणे आवज्जइ चाउम्मासियं परिहारहाणं उग्घाइयं ॥४३॥
॥ निसीहज्झयणे सोलसमो उद्देसो समत्तो ॥१६॥
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