Book Title: Mantra Maharnav
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kalassagarsur Gyanmandir म. म. // 309 // ॐ भरतमंत्रिणे नेत्रत्रयाय वौषट् // 5 // ॐ रामदासाय अस्त्राय फट् // 6 // इति हृदयादिषडंगन्यासः // अथ ध्यानम् // रामस्य पू० ख०१ संस्थितं वामे पार्श्वे विनयपूर्वकम्॥कैकेयीनन्दनं सौम्यं मुकुटेनातिरंजितम् // 1 // रत्नकंकणकेयूरवनमालाविराजितम् // रशनाकुंडलधरं / मि. तं. रत्नहारसनूपुरम् // 2 // व्यजनेन वीजयंतं जानकीकांतमादरात् // रामन्यस्तेक्षणं वीरं कैकेयीतोषवर्द्धनम् // 3 // द्विभुजं कंजतरं०११ नयनं दिव्यपीतांबरान्वितम् // सुभुजं सुन्दरं मेघश्यामलं सुन्दराननम् // 4 // रामवाक्ये दत्तकण रक्षोध्नं खड्गधारिणम् // धनुर्बा णधरं श्रेष्ठं धृततूणीरमुत्तमम् // 5 // सभायां संस्थितं रम्यं कस्तरीतिलकांकितम् // मुकुटस्थावतंसेन शोभितं च स्मिताननम् // 6 // रविवंशोद्भवं दिव्यरूपं दशरथात्मजम् // मथुरावासिनं देवं लवणासुरमर्दनम् // 7 // इति ध्यात्वा तु शत्रुघ्नं रामपादेक्षणं हृदि // पठनीयं वरं चेदं कवचं तस्य पावनम् // 8 // पूर्वे त्ववतु शत्रुघ्नः पातु याम्ये सुदर्शनः // कैकेयीनन्दनः पातु प्रतीच्या सर्वदा मम॥९॥ पातूदीच्यां रामबन्धुः पात्वधो भरतानुजः॥ रविवंशोद्भवश्चोर्ध्व मध्ये दशरथात्मजः // 10 // सर्वतः पातु मामत्र कैकेयीतोषवर्द्धनः॥ श्यामलांगः शिरः पातु भालं श्रीलक्ष्मणांशजः // 11 // ध्रुवोर्मध्ये सदा पातु मुमुखोऽत्रावनीतले // श्रुतकीर्तिपतिनेंकपोले पातुन राघवः॥ 12 // कर्णो कुण्डलकर्णोऽव्यान्नासायं नृपवंशजः // मुखं मम युवा पातु पातु वाणी स्फुटाक्षरः // 13 // जिह्वां मुबा हुतातोऽव्यायुपकेतुपिता द्विजान् // चबुकं रम्यचुबुकः कंठं पातु सुभाषणः // 14 // स्कंधौ पातु महातेजा भुजौ राघववाश्यकत् // // 309 // करौ मे कंकणधरः पातु खड्गी नखान्मम // 15 // कुक्षी रामप्रियः पातु पातु वक्षो रघूत्तमः // पार्श्वे मुरार्चितः पातु पातु पृष्टिं / वराननः // 16 // जठरं पातु रक्षोघ्नः पातु नाभिं सुलोचनः // कटी भरतमंत्री मे गुह्यं श्रीरामसेवकः // 17 // रामार्पितमनाः For Private And Personal Use Only

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