Book Title: Mantra Maharnav
Author(s): 
Publisher: 

View full book text
Previous | Next

Page 664
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir म. म. R पू: खं. मित. तरं०११ इति षडंगानि पूजयेत् // ततः पुष्पांजलिमादाय मूलमुच्चार्य “ॐ अभी अथ चरणायुधपूजनयन्त्रम्. ष्टसिद्धिं मे देहि शरणागतवत्सल / भक्त्या समर्पये तुल्यं प्रथमावरांचनम् // // 1 // " इति पठित्वा पुष्पांजलिं च दत्त्वा पूजितास्तर्पिताः संतु इति वदेत्॥ इति प्रथमावरणम् // 1 // ततोष्टदले पूज्यपूजकयोरंतराले प्राची तदनुसारेण आन्या दिशः प्रकल्प्य प्राचीक्रमेण / ॐ शंकराय नमः // शंकरश्रीपा० // 1 // ॐ गौये नमः / गौरीश्रीपा० // 2 // ॐ गणपतये नमः / आयूकोलि. गणपतिश्रीपा० // 3 // ॐ कार्तिकेयाय नमः // कार्तिकेयश्रीपा० // 4 // ॐ मंदाराय नमः / मंदारश्रीपा० // 5 // ॐ पारिजाताय नमः / पारि जातश्रीपा // 6 // ॐ मयूराय नमः / मयूरश्रीपा० // 7 // ॐ बहिणे नमः / बहिश्रीपा० // 8 // इत्यष्टौ पूजयित्वा पुष्पांजलिं च दद्यात् // इति द्वितीयावरणम् // 2 // दलायेषु इन्द्रायटलोकपालान बजायायुधानि च संपूज्य पूष्पांजलिं च दद्यात्॥इत्यावरणपूजां कृत्वा धूपादिनमस्कारांत संपूज्य बलिं दद्यात्॥ तद्यथा-दाधिदुग्धमधुकर्पूरसितातांबूलामश्रित 1 महाकालमिति पाठः // d // 317 // For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682