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से उठ कर बैठ गई ।।२-३।। कुछ समय बाद शांतिपूर्वक उसने शैय्या का परित्याग किया एवं वह देवी समस्त जगत् के मंगल सिद्धि की कामना से सामायिक आदि क्रियाओं के द्वारा धर्मध्यान का आचरण करने लगी ।।४।। सामायिक आदि नित्य क्रियाओं के बाद उसने प्रसन्न चित्त से स्नान किया । उत्तमोत्तम आभूषणों से अपने शरीर को अलंकृत किया एवं कछ विशिष्ट सेवकों के साथ हृदय में अत्यन्त प्रमोद धर कर वह राजसभा की ओर चल दी ।।५।। इस प्रकार ठाट-बाट से राजसभा में आनेवाली अपनी परम प्रिय महारानी प्रजावती को देख कर राजा कुम्भ बड़ा प्रसन्न हुआ। महामनोहर शिष्टाचारपूर्ण वचनों के द्वारा उसे परम सन्तुष्ट किया एवं बड़े आनन्द से आधा सिंहासन उसके बैठने के लिए प्रदान किया। अपने स्वामी राजा कुम्भ द्वारा इस प्रकार का सम्मान पाकर रानी प्रजावती का मुख
आनन्द से पुलकित हो उठा, वह सुखपूर्वक आसन पर बैठ गई एवं उस दिव्य आसन से कुछ उठ कर अपनी दिव्य ना|| वाणी से आनन्द से गदगद होकर अपने स्वामी से निवेदन करने लगी--'हे देव ! आज प्रातःकाल जब कि रात्रि का
कछ ही अंश शेष रह गया था. उस समय मैं पर्यंक पर सुखपूर्वक सो रही थी, तब अचानक ही अत्यन्त शभ फल के प्रदान करनेवाले गजेन्द्र आदि के सोलह स्वप्न मुझे दीख पड़े । स्वामिन ! उन पवित्र स्वप्नों का फल क्या है ? कृपा कर उन समस्त संकेतों को मुझे बतलाइए-- मुझे उनके बारे में जानने की बड़ी भारी अभिलाषा एवं उत्कण्ठा है।' स्वप्न-फलों को जानने के लिए रानी को इस प्रकार उत्कण्ठित देखकर राजा कुम्भ बड़ा प्रसन्न हुआ एवं प्रिय वचनों से वह इस प्रकार कहने लगा--'हे प्राणिप्रिये ! तम चित्त को स्थिर कर सुनो-- मैं उन स्वप्नों का विस्तार से फल कहता हूँ ।।७-६।।
देवि ! स्वप्न में जो तुमने विशाल गजराज देखा है; उसका फल यह है कि तुम्हारे एक महान पुत्र होगा, जिसे बड़े-बड़े ऋद्धिधारी देव जाकर पूजेंगे एवं अपने को धन्य समझेंगे। विशाल बैल के देखने का यह फल है कि तुम्हारा पुत्र ज्येष्ठ होगा-- समस्त लोक उसे बड़ा मानेगा एवं उसकी आज्ञा का पालन करेगा एवं वह धर्म की धुरा का धारण ||४३ करनेवाला अर्थात् धर्म का स्वामी होगा । स्वप्न में जो सिंह देखा है, उसका फल यह है कि वह पुत्र, जिस प्रकार सिंह बलशाली होता है, उसी प्रकार अनन्त बल का धारक होगा; दो मालाएँ जो देखी हैं, उनका फल यह है, वह धर्म-तीर्थ का प्रवर्तक होगा । दुग्ध के घड़ों के स्नान करती हुई जो लक्ष्मी देखी है, उसका फल यह है कि बड़े-बड़े
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