Book Title: Krushi Karm aur Jain Dharm
Author(s): Shobhachad Bharilla
Publisher: Shobhachad Bharilla

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Page 4
________________ (१) पं० अजितप्रसादजी जैन एम. ए. एल. एल. बी. भू. पू. जज बीकानेर हाईकोर्ट, सम्पादक अंग्रेजी जैन गजट, लखनऊ (२) शास्त्र ज्ञाता दानवीर सेठ भैरोंदानजी सेठिया, बीकानेर (३) .................. प्रतियोगिता में करीब १५ निबंध आये थे। उनमें से यह सर्व श्रेष्ठ तीन निबंध हैं । स्मरण रखना चाहिए कि इन निबंध की विरोधी विचारधारा का समर्थक एक भी निबंध प्राप्त नहीं हुपा था। हम प्रतियोगिता के आयोजक, लेखकों और परीक्षकों के आभारी हैं, जिनके सहयोग से यह पुस्तक प्रकाश में आ सकी है। आशा है, जिस सद्भावना के साथ पुस्तक प्रकाशित की जा रही है, पाठक उसी सदभावना से इसे अपनाएँगे तो विचार की अच्छी सामग्री उन्हें प्राप्त होगी। निवेदकःव्यावर ) धीरजलाल के० तुरखिया अक्षय ततीया अधिष्ठाता चीर सं.२४८० घि. सं. २०१०) श्री जैन गुरुकुल शिक्षण संघ निबंध लेखक पृष्ट १ पं० शोमाचन्द्रजी भारिल्ल न्यायतीर्थ १ से २६ २ प्रबोधचन्द्रजी वेचरदासजी पंडित ३० से ७२ कन्हैयालालजी दक ७३ से ५८

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