Book Title: Keet Patango ki Ascharyajanak Baten Author(s): Rajnish Prakash Publisher: Vidya Vihar View full book textPage 8
________________ कुछ प्रकार के मादा कीट अपने अडो को धरती के अदर छिपा देते हैं। टिड्डे अपने अडे भूमि पर देते हैं । तिलचट्टे अपने अडे ऐसे कोनो मे देते हैं जो बहुत सुरक्षित स्थान होते हैं। चींटियाँ और दीमक अपने अडे बॉबियो मे देती हैं। इनके अडे देने के स्थान को 'बॉबी' कहा जाता है । मछलियाँ अपने अडे लसलसे पदार्थ में देती हैं ताकि वे सुरक्षित रहे। इसी प्रकार कुछ कीट एक प्रकार के द्रव पदार्थ में अपने अडे देती हैं। अनेक प्रकार के कीट अपने अडे वृक्षो के खोल या खोह मे सुरक्षित रखते हैं । आपने बर्र का अडो से भरा घर देखा होगा । उस पर तो मिट्टी की खोल - सी चढ़ी होती है । ठड से बचाने के लिए अनेक कीट अपने अडो पर मोमरूपी कवच चढा देते हैं ताकि वे नष्ट होने से बच जाएँ। अनेक कीट अपने अडे वृक्षो की छाल में छिपा देते हैं, ताकि न कोई शत्रु उन्हे देख सके, न नष्ट कर सके । मक्खियाँ अपने अडे कूड़े-करकट पर देती हैं, जहाँ पहुँचना भला कौन पसद करेगा खटमल अपने अडे खटिया, पलग आदि पर देते हैं, परंतु उनके अडे देने के स्थान बहुत छोटे और सुरक्षित होते हैं। जूँ अपने अडे बालो मे चिपका देती हैं। 00 कीट-पतंगों को आश्चर्यजनक बातें 7Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69