Book Title: Keet Patango ki Ascharyajanak Baten
Author(s): Rajnish Prakash
Publisher: Vidya Vihar

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Page 49
________________ अपने जबडो को रगडकर आवाज पैदा करते हैं। उनकी ये ध्वनियाँ बहुधा नर या मादा को आकर्षित करने तथा शत्रु को डराने के लिए होती हैं। एक तुलना हाथी और चींटी की हाथी और चींटी की तुलना हँसानेवाली होती है, परतु यह सही है कि एक छोटी-सी चीटी यदि हाथी की नाक में घुस जाए तो वह उसके नाक में दम कर देगी। हाथी घास-पात को झटक-झटककर या पटक-पटककर केवल इसलिए खाता है कि उसमे आई चींटियों और अन्य कीट भाग जाएँ। इस प्रकार छोटा-सा जीव भी बडे-बडो को चक्कर मे डाल सकता है। __ हाथी अपने वजन से कई सौ गुना भार नहीं ढो सकते, परतु चीटियाँ अपने वजन से कई सौ गुना भार ढो लेती हैं। जहाँ शकर होगी, चीटियों को आते देर नहीं लगेगी। ऐसा वे अपने खोजी स्वभाव के कारण प्राकृतिक रूप से करती हैं। चींटियो का घर होता है, हाथियो का कोई घर नहीं होता। 49 कौर पतगा को आश्चर्यजनक बातें

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