Book Title: Keet Patango ki Ascharyajanak Baten
Author(s): Rajnish Prakash
Publisher: Vidya Vihar

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Page 66
________________ दीमक से भगवान बचाए। यह जहाँ लग जाए, बस उसका सत्यानाश करके ही जाए। इसे लकडी, किताबे आदि बहुत प्रिय हैं। दीमक और एक नन्हे प्रकार के कीट को, जो सारा जीवन पुस्तकालयो मे बिता देते हैं, आप क्या कहेंगे? पुस्तको का प्रेमी या दुश्मन 7 श्रमिक दीमक 'फफूँदी' की खेती भी करते हैं, फफूँदी दोमको का भोजन है । ये नई-नई बस्तियो को बनाने के अलावा अडो की देखरेख तथा भोजन इकट्ठे करने के काम में लगातार जुटे रहते हैं । दीमको को खानेवाले शत्रुओ की कोई कमी नहीं होती । तीतर तथा अन्य पक्षी बडे ही चाव से इस नरम कीट को खाते हैं। अफ्रीका मे हब्शी लोग दीमक को बाकायदा आटे तथा तबाकू में मिलाकर इसका सेवन करते हैं । फिर भी दीमक दिन दूनी रात चौगुनी बढती हैं । एक रोचक और ज्ञानवर्धक बात यह है कि जब दीमको को मारना होता है, नष्ट करना होता है तो यह आवश्यक होता है कि रानी दीमक को ढूंढा जाए, पकडा जाए तथा मारा जाए। यह तीन से चार फुट की गहराई पर अपनी 'बिवाई' में मिल जाती है। अग्रेज लोग दीमक को 'सफेद चीटी' या 'ह्वाइट एट' का नाम देते हैं क्योंकि रंग-रूप मे यह 'गोरी नारी' होती है। परतु दीमक चीटी के समान चींटी नही होती। इसका रग-रूप भिन्न होता है । कीट-पतंगों की आश्चर्यजनक बातें 65

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