Book Title: Keet Patango ki Ascharyajanak Baten
Author(s): Rajnish Prakash
Publisher: Vidya Vihar

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Page 58
________________ यहाँ एक रोचक और मजेदार तथा ज्ञानवर्धक बात यह है कि भोजन के स्रोत की दूरी बढने के साथ ही नृत्य की शैली परिवर्तित होती रहती है। इनका यह नृत्य थिरकनवाला होता है, जो मधुमक्खियों को सूर्य की दिशा के आधार पर किस दिशा में जाना है, यह सकेत देता है । मधुमक्खियों जब चूहे की कब्र बना देती है शहद खाना भला किसे पसद न होगा। रीछ मधुमक्खियों के छत्ते तक पहुँच जाते हैं और बड़े आराम से शहद खाते हैं। उनके शरीर पर बहुत से बाल होते है तथा मुह आदि का खुला भाग कडा होता है, इसलिए मधुमक्खियाँ चाहकर भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ पातीं । चूहे भी शहद के लालच मे मधुमक्खियों के छत्ते के पास पहुच जाते हैं। उनके छत्ते को नुकसान भी पहुँचाते हैं, तब मधुमक्खियाँ उन्हें डक मार-मारकर घायल कर देती हैं। जब चूहा मर जाता है, तो वह सडने लगता है । बदबू से बचने के लिए मधुमक्खियाँ उसके ऊपर मोम का लेप कर उसे कब्र मे बद कर देती हैं। साथ ही अपने आवास को साफ-सुथरा भी रखती 1 ॐ Mal कीट पतंगों को आश्चर्यजनक बातें 57

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