Book Title: Keet Patango ki Ascharyajanak Baten
Author(s): Rajnish Prakash
Publisher: Vidya Vihar

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Page 61
________________ चाह मे तितलियाँ पक्षियो के समान प्रवास करती है। हमारे देश में तितलियाँ उत्तर भारत में पड़नेवाली असहनीय ठड के कारण दक्षिण की ओर चली जाती है। AMRATAttrule - - विदेशो मे कहा जाता हे कि तितलियो की उत्पत्ति 'कुआरी मेरी' के ऑसुओ से हुई है। आज भी अनेक देशो में मृत व्यक्तियो की कब्र मे तितलियाँ रखी जाती हैं। कई देशो मे इन्हें स्वतत्रता का प्रतीक माना जाता है। इसका कारण यह है कि इन्हे न तो पिंजरे मे बद किया जा सकता है, न पालतू बनाया जा सकता है। आज भूटान ग्लोरी और केसर-ए-हिंद नामक जाति की तितलियाँ दुर्लभ हैं। भारत मे इनके शिकार पर प्रतिबध लगा दिया गया है, तो विदेशो मे तितलियाँ 'तस्करी' का एक बडा भाग बन चुकी हैं। तितलियों के लिए अभयारण्य सिह, बाघ, तेदुए, शेर तथा हिरन जैसे प्राणियो के लिए 'अभयारण्य' बनाने की बात आपने पढी होगी। इसी तरह अनेक सरकारो ने तितलियो के लिए बाकायदा 'अभयारण्य' बनाने का निश्चय किया है। इसका उद्देश्य तितलियों को वैज्ञानिक ढग से पालने, उनकी नस्ल बढाने तथा आवश्यकतानुसार बिना हिंसा किए तितलियों को पकडना है। 600 कीट पतगों की आश्चर्यजनक बातें

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